November 22, 2024

भारतीय रेलवे ने अगस्त, 2021 में लदान और राजस्व अर्जन के मामले में सबसे अधिक माल ढुलाई दर्ज की

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दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 की अगस्त महीने तक की तुलना में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 के अगस्त महीने तक 16.08 मिलीयन टन अधिक माल लदान की

बिलासपुर /रायपुर :कोविड चुनौतियों के बावजूद, भारतीय रेलवे के साथ-साथ दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने भी अगस्त 2021 महीने के दौरान लदान और आय के मामले में माल ढुलाई के आंकड़ों में उच्च गति बनाए रखी है ।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने माल लदान के क्षेत्र में अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए पिछले वित्तीय वर्ष की अगस्त’2020 महीने की 13.66 मिलीयन टन की तुलना में वर्तमान वर्ष की अगस्त’ 2021 महीने में 15.40 मिलीयन टन माल लदान की है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है ।

इसी प्रकार संचयी मालदान में भी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 के अगस्त महीने तक की 65.04 मिलीयन टन की तुलना में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 की अगस्त महीने तक 81.92 मिलीयन टन माल लदान की उपलब्धि हासिल की है, जो कि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक है । इसी प्रकार दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने अगस्त 2021 के दौरान माल ढुलाई से 1468.12 करोड़ रुपये राजस्व अर्जित किया जो अगस्त 2020 (1331.38 करोड़ रुपये) की तुलना में 9.7 प्रतिशत अधिक है ।

भारतीय रेलवे की अगस्त 2021 के दौरान माल ढुलाई 110.55 मिलियन टन थी जो अगस्त 2020 (94.59 मिलियन टन) की तुलना में 16.87 प्रतिशत अधिक है । एक ही अवधि में भारतीय रेलवे ने अगस्त 2021 के दौरान माल ढुलाई से 10,866.20 करोड़ रुपये राजस्व अर्जित किया जो अगस्त 2020 (9,043.44 करोड़ रुपये) की तुलना में 20.16 प्रतिशत अधिक है । भारतीय रेलवे में अगस्त 2021 महीने में ढुलाई के दौरान भेजी गई महत्वपूर्ण वस्तुओं में 47.94 मिलियन टन कोयला, 13.53 मिलियन टन लौह अयस्क, 5.77 मिलियन टन कच्चा लोहा और तैयार स्टील, 6.88 मिलियन टन खाद्यान्न, 4.16 मिलियन टन उर्वरक, 3.60 मिलियन टन खनिज तेल, 6.3 मिलियन टन सीमेंट (क्लिंकर को छोड़कर) और 4.51 मिलियन टन क्लिंकर शामिल हैं ।

रेलवे माल ढुलाई को बहुत आकर्षक बनाने के लिए भारतीय रेलवे में कई तरह की रियायतें/छूट भी दी जा रही हैं । मौजूदा नेटवर्क में मालगाड़ियों की गति बढ़ा दी गई है । मालगाड़ियों की गति में सुधार से सभी हितधारकों के लिए लागत की बचत हो रही है । पिछले 19 महीनों के दौरान मालगाड़ियों की गति दोगुनी हो गई है । भारतीय रेलवे द्वारा कोविड-19 स्थिति का उपयोग चौतरफा दक्षता और प्रदर्शन में सुधार के अवसर के रूप में किया गया है ।

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