अमरकंटक में हुए भ्रष्टाचार की जांच हेतु श्रीधर शर्मा ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
मां नर्मदा की इस पावन धरा पर भ्रष्टाचार नहीं किया जाएगा बर्दाश्त : श्रीधर शर्मा
नगर पंचायत अमरकंटक जिला-अनूपपुर में विद्युत सामग्री की खरीदी एवं अन्य समाग्री में हुए घौटाले पर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव श्रीधर शर्मा ने उठाई आवाज, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर की गहन जांच की मांग
आमरकंटक/ अनूपपुर जिले की धर्म नगरी अमरकंटक में विकास कार्यों के नाम पर बड़े पैमाने पर शासकीय राशि का दोहन किया जा रहा है और जिम्मेदार मौन धारण किए हुए हैं। अमरकंटक नगर पंचायत में विद्युत सामग्री की खरीदी को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव ने आवाज बुलंद करते हुए आरोप लगाए हैं कि वर्ष-2016-17 से आज दिनांक तक लगभग 1.1/2 करोड़ से 2 करोड़ तत्कालीन इंन्जीनियर बृजेश पाण्डेय एवं अध्यक्ष की मिली भगत से विद्युत समाग्री खरीदी गई, जिसका पृथक से न कोई टेण्डर आमंत्रित किया गया और न ही स्टीमेंट तैयार किया गया। श्री शर्मा के अनुसार स्टेट बैंक से नाका तक एवं शान्ति कुटी से राम घाट तक विद्युतीकरण का कार्य लगभग 50 लाख रूपए का किया गया। उक्त कार्य का कूट रचित कागजात तैयार कर संबंधित व्यक्तियों द्वारा सप्लायर ब्राईड टेण्डर्स से मिल कर राशि का गबन किया गया है। आपने अमरकंटक में हुए भ्रष्टाचार का स्पष्ट उदाहरण बताते हुए कहा कि नगरीय प्रशासन द्वारा जनवरी 2020 में 1 करोड़ 6 लाख रूपए अमरकंटक विकास के लिए दिया गया था। उक्त राशि को पवन कुमार साहू प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं अध्यक्ष द्वारा फर्जी बिल तैयार कर तथा पुरानी बिल के नाम पर निकाल लिया गया तथा कोई विकास कार्य नही किया गया। इतना ही नहीं अमरकंटक में माई की बगिया में की जा रही अनियमितता को लेकर भी आपने आरोप लगाया है कि माई की बागिया में एक चपरासी अपने आप को पुजारी बताकर भ्रष्टाचार कर रहा है। चढ़ौत्री के हजारों नारियल एवं हजारों के तादाद में चढ़ने वाले साडी एवं अन्य कपड़े चपरासी के द्वारा खुलेआम बाजार में बेचे जा रहे हैं।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव श्रीधर शर्मा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उक्त भ्रष्टाचार से अवगत कराते हुए निवेदन किया है कि अमरकंटक विकास के लिए आपके द्वारा करोडों रूपये स्वीकृत किए गए थे, जो आज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं। अतः उपरोक्त भ्रष्टाचार की जांच की जानी आवश्यक है। आपने यहां यह भी उल्लेख किया है कि जांच सार्वजानिक रूप से निष्पक्ष अधिकारी
द्वारा की जानी चाहिए, जिससे कि सार्वजनिक तौर पर भ्रष्टाचार उजागर हो सके।