ग्राम पंचायत बुढानपुर में ग्रेवल सड़क के नाम पर मची शासकीय राशि में लूट
जनपद पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक जनप्रतिनिधियों का देखा जा सकता है जमावड़ा, ग्रामपंचायतों में निर्माण कार्यों को लेकर देखने लायक है जनप्रतिनिधियों की सक्रियता, निर्माण कार्यों में मनरेगा में कार्यरत मजदूरों की सूची उजागर कर सकती है ग्रामपंचायतों में चल रहे भ्रष्टाचार की कहानी, जनप्रतिनिधियों व ठेकेदारों के परिजन व रिश्तेदार ही कर रहे मजदूरी
अनूपपुर (अविरल गौतम) कोतमा जिले के कोतमा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बुढानपुर में इन दिनों सचिव, सरपंच व रोजगार सहायक मिलकर विकास कार्य के नाम पर शासकीय राशि की हेराफेरी कर रहे हैं। वर्ष 2021-2022 में दुर्गा साहू के खेत के पास निर्माणधीन चेक डैम, जिसकी लागत लगभग 15 लाख रुपए तथा ग्रेवल सड़क का निर्माण लगभग 14 लाख रुपयों की लागत से कराया जा रहा है, किन्तु विकास कार्यों के नाम पर हो रहे इन निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का ध्यान नही रखते हुए गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
मनरेगा के तहत कराए जा रहे कार्य में जे सी बी का उपयोग कर मजदूरों के हक पर डाल रहे डाका
ग्राम पंचायत में निर्माण कार्य को जल्दी से जल्दी पूरा कराने की फेर में मजदूरों के स्थान पर जे सी बी मशीन का उपयोग कर ग्रेवल मार्ग का निर्माण कराया जा रहा है तथा फर्जी मस्टर रोल तैयार कर मजदूरी के नाम पर पंचायत के पैसों का बंदरबाट ग्राम पंचायत के कर्मचारियों द्वारा बड़ी ही चतुराई के साथ किया जा रहा है। ग्राम पंचायत में हो रहे चेक डैम निर्माण कार्य तथा ग्रेवल रोड निर्माण कार्य के भुगतान हेतु जिन फर्मों को भुगतान किया जा रहा है, उनका कहीं अता- पता ही नही है। इसके बावजूद फर्म के नाम पर लगातार लाखो के बिलों का भुगतान कर ग्राम पंचायत के पैसों का बंदरबांट तथा शासन के कर की चोरी की जा रही है।
संबंधित जिम्मेदार बने धृतराष्ट्र, साधी चुप्पी
सचिव, सरपंच, उपयंत्री तथा एस डी ओ के कारनामों की शिकायत होने के बाद भी सफेद पोस धारियो के संरक्षण में अपने काले कारनामों को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। लाखो के निर्माण कार्य की नींव तक नहीं खोदी जाती और आफिस में बैठे-बैठे निरीक्षण कर कमीशन के चक्कर में कागजों में मूल्यांकन सत्यापित कर भुगतान करवा देने में अपनी भूमिका निभाते हैं। जब जनपद जिम्मेदार ही भ्रष्टाचार के खेल में लिप्त हों तो भला ग्राम पंचायत के सचिव, सरपंच व रोजगार सहायक पर कौन नकेल कसेगा?