अनूपपुर – अमरकंटक मार्ग स्थित किरर घाट के ढहने की हो उच्चस्तरीय जांच
भाजपा नेता ने प्रभारी मंत्री मीना सिंह को पत्र सौंप कर की मांग
अनूपपुर (अविरल गौतम) भाजपा नेता मनोज द्विवेदी ने जिले की प्रभारी मंत्री सुश्री मीना सिंह को पत्र सौंप कर अनूपपुर – अमरकंटक मार्ग स्थित किरर घाट के बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
12 जुलाई को सुश्री मीना सिंह के अनूपपुर प्रवास के दौरान सर्किट हाउस अनूपपुर में म प्र शासन के मंत्री बिसाहूलाल सिंह , सांसद हिमाद्री सिंह ,जिलाध्यक्ष ब्रजेश गौतम के साथ अन्य सैकड़ो कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में पत्र सौंप कर इस आशय की मांग की गयी कि अनूपपुर – अमरकंटक मार्ग स्थित किरर घाट के ढहने से विगत दिवस डेढ सौ से अधिक यात्री लगभग छ: घंटे तक खतरनाक स्थिति में फंसे रह गये थे। घाट ढहने के बाद एमपीआरडीसी के लोगों की सलाह पर यह मार्ग अनिश्चित काल तक के लिये बंद कर दिया गया है।
बतलाया गया कि किरर घाट का सिद्ध बाबा मोड़ पिछले वर्ष से क्षतिग्रस्त है। इसकी सूचना उसी वक्त अधिकारियों को दी गयी थी। यदि तभी एमपीआरडीसी इसकी मरम्मत कर देता तो यह मार्ग अनिश्चित काल तक बन्द नहीं होता। इन्होंने ध्यान नहीं दिया और इनकी लापरवाही से घाट का यह हिस्सा पूरी तरह ढह गया। अब इसके निर्माण में अतिरिक्त धन, श्रम, समय लगेगा ।
रीवा – अमरकंटक मार्ग व्यस्ततम मार्ग है । प्रतिदिन सैकड़ो श्रद्धालु , पर्यटक अमरकंटक आना – जाना करते हैं। मार्ग बन्द होने से आम जनता का अतिरिक्त धन, श्रम, समय व्यय हो रहा है।
एक वर्ष से क्षति ग्रस्त है। हम लगातार इस ओर अधिकारियों ,जन प्रतिनिधियों का ध्यानाकर्षण करते रहे हैं। इसके बावजूद इन्होंने समय रहते ध्यान नहीं दिया। केवल इनकी लापरवाही से आज आम जनता परेशान है और महीनों अनूपपुर- राजेन्द्रग्राम मार्ग बन्द रहने वाला है। यह सरकारी और जनता के पैसे का अपव्यय करने और भ्रष्टाचार को बढावा देने की तरकीब क्यों ना माना जाए ?
प्रभारी मंत्री से निवेदन किया गया है कि किरर घाट ढहने, समय पर इसकी मरम्मत ना करने और अब अनिश्चित काल तक मार्ग बन्द होने से यात्रियों को हो रही परेशानियों के लिये जिम्मेदार लोगों की विधिवत् जांच करवा कर कार्यवाही की जाए।
विशेष उल्लेखनीय है कि प्रभारी मंत्री को यह पत्र सौंपने के एक दिन पूर्व श्री द्विवेदी द्वारा अनूपपुर भाजपा जिलाध्यक्ष के नाम खुला पत्र लिख कर इस विषय पर उनका ध्यानाकर्षण करते हुए कहा गया था कि
जिलाध्यक्ष ,भारतीय जनता पार्टी ,अनूपपुर से अनुरोध है कि किरर घाट हादसा और महीनों इसके ध्वस्त रहने की आशंका से जुडे विषय की शिकायत प्रभारी मंत्री से वे स्वयं करें या हमें करने की अनुमति दें। हम सत्ता में हैं….! इसका मतलब यह नहीं कि हम अधिकारियों के निकम्मेपन की ओर आंखे बंद कर लें।
किरर घाट एक वर्ष से क्षति ग्रस्त है। हम लगातार इस ओर अधिकारियों ,जन प्रतिनिधियों का ध्यानाकर्षण करते रहे हैं। इसके बावजूद इन्होंने समय रहते ध्यान नहीं दिया। केवल इनकी लापरवाही से आज आम जनता परेशान है और महीनों अनूपपुर- राजेन्द्रग्राम मार्ग बन्द रहने वाला है। यह सरकारी और जनता के पैसे का अपव्यय करने और भ्रष्टाचार को बढावा देने की तरकीब क्यों ना माना जाए?
MPRDC के संभागीय प्रबंधक कभी कार्यालय से बाहर निकलते हैं क्या ? इन्हे जैतहरी- राजेन्द्रग्राम मार्ग का स्वत: पहले अवलोकन करना चाहिए था । इस मार्ग का घाट किरर से अधिक खतरनाक और जानलेवा है। इनकी एक साल की लापरवाही के कारण अमरकंटक पर्यटन के सबसे महत्वपूर्ण मानसूनी अवसर पर हजारों लोग रोज परेशान हो रहे हैं।
जिलाध्यक्ष ,अनूपपुर स्वत: मंत्री जी का ध्यानाकर्षण कर आवश्यक कार्यवाही करवाएं या हम स्वयं इसके लिये आगे आने को बाध्य होंगे।
जिलाध्यक्ष ब्रजेश गौतम ने सोशल मीडिया पर ही व्यक्तिगत लेख करते हुए अगले दिन चर्चा करने की बात की थी। उन्होंने प्रभारी मंत्री से इस बावत कोई चर्चा की या नहीं, लेकिन सभी जनप्रतिनिधियो की उपस्थिति में भाजपा नेता द्वारा प्रभारी मंत्री से की गयी जांच की मांग कितनी प्रभावी है ,यह देखना होगा।