उन्नत कृषि यंत्रों ने युवा कृषक को बनाया लखपति
अनूपपुर( अविरल गौतम )4 जुलाई 2021/ उन्नत कृषि यंत्रों के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर किसानों को मालामाल बनाने की राज्य सरकार की कोशिशों से किसानों की तकदीर बदलने लगी है। इन उन्नत कृषि यंत्रों ने एक मामूली से किसान श्री धन सिंह टेकाम को स्वरोजगार में स्थापित कर मालामाल कर दिया है। आज यह युवा कृषक किसानों को उन्नत कृषि यंत्र किराए पर देकर हर साल लाखों रुपये की आय प्राप्त कर रहा है।
तीन साल पहले ही बसनिया कला ग्राम के रहने वाले आदिवासी युवा कृषक धन सिंह को राज्य सरकार के कृषि अभियांत्रिकी विभाग की निजी कस्टम हायरिंग योजना के तहत बारह लाख बीस हजार रुपये के प्रोजेक्ट में दो ट्रेक्टर, थे्रसर, प्लाऊ, कल्टीवेटर, रेज्डबेड प्लान्टर आदि उन्नत कृषि यंत्र मुहैया कराए गए एवं तकनीकी सहयोग भी प्रदान किया गया। इसमें छः लाख दस हजार रुपये का अनुदान भी शामिल है। इस प्रोजेक्ट ने धीरज की किस्मत पलट दी। उसने पहले साल ही करीब पांच लाख रुपये का कारोबार किया। उसके बाद यह आमदनी बढ़ती चली गई।
एक समय था जब ग्रेजुएशन करने के बाद काफी कोशिशों के बाद भी धनसिंह को नौकरी नहीं मिली। लेकिन निजी कस्टम हायरिंग केन्द्र से हुई कमाई से धन सिंह ने इलेक्ट्रिकल्स की दुकान समेत मोटर बाइडिंग एवं पंप सुधारने की दुकान स्थापित कर ली। उसने कल्टीवेटर, धान थेरेसर, पैरा कटर आदि भी खरीद लिए। इससे उसका कारोबार और आमदनी बढ़ता चला गया। धन सिंह आसपास के गांवों के 300 कृषकों को उन्नत कृषि यंत्र किराए पर देकर ना सिर्फ अच्छी कमाई कर रहा है, बल्कि किसानों को फसलों का उत्पादन बढ़ाने में भी मदद कर रहा है। वह अपने कारोबार में सात ग्रामीण युवकों को काम भी दे रहा है।
अप्रत्याशित रूप से धन सिंह का कारोबार बढ़ा है। यह ना केवल बसनिया कला में, बल्कि बाहर भी अपना बाजार पा रहा है। जिसमें काफी मुनाफा भी हो रहा है। धन सिंह के पड़ोसी समझ नहीं पा रहे हैं कि धन सिंह के पास इतना पैसा कब और कैसे आया। वह आष्चर्यचकित हैं।
धनसिंह बताता है कि उन्नत कृषि यंत्रों के कारोबार ने उसको आजीविका की सम्मानजनक स्थिति में पहुंचा दिया है। अपने मुनाफे के बारे में धन सिंह ने बातचीत में कहा कि उन्नत कृषि यंत्रों के कारोबार में अच्छा पैसा मिलता है। वह बताता है कि हमारी जीवन शैली में बदलाव का उन्नत कृषि यंत्र कारोबार से काफी असर पड़ा है। शहडोल एवं अनूपपुर के सहायक कृषि यंत्री श्री आर.के. प्यासी बताते हैं कि वर्ष 2012 से ग्रामीण युवाओं को ग्राम में ही रोजगार मुहैया कराने के मकसद से शासन द्वारा निजी कस्टम हायरिंग योजना चलाई जा रही है। इसके तहत अनूपपुर जिले में 21 हायरिंग केन्द्र कार्यरत है। इन केन्द्रों से किसान नवीन उन्नत कृषि यंत्र किराए पर लेकर भूमि सुधार के साथ कृषि उपज बढ़ा सकते हैं।