नौकरी पेंशन के लिए साल भर से भटक रही विधवा
अनूपपुर( अविरल गौतम )अमलाई प्राप्त जानकारी में बसंतपुर दफाई अमलाई कालरी की रहने वाली उर्मिला यादव अपने पति की मृत्यु के बाद आज 1 साल से नौकरी और पेंशन के लिए कालरी प्रबंधन के सामने मांग करतेआते देखी जा रही है किंतु प्रबंधन की लापरवाही से आज वह अपने तीन बच्चों के साथ भीख मांगने को मजबूर हैं बीते 20 जुलाई 2020 को अमलाई ओसिमकोयला खदान में काम करने वाले अमलाई निवासी राम मनोहर यादव की केंद्रीय चिकित्सालय में बीमारी के कारण मृत्यु हो गई जिनकी पत्नी उर्मिला यादव और उसकी तीन बड़ी बेटियां हैं सर्विस रिकॉर्ड फंड एवं सभी जगह दस्तावेजों में उर्मिला यादव और उनकी पुत्रियों का नाम दर्ज है जिस पर लगातार उर्मिला यादव द्वारा आवेदन देकर अमलाई ओसिम कि कार्मिक प्रबंधक द्वारा दस्तावेज जमा कराए जाने के बाद भी आज तक नौकरी पेंशन नहीं दिया गया है यहां तक की मृत्यु के समय तत्काल अंतिम क्रिया कर्म करने के लिए सी एल एस की राशि भी नहीं दी गई कार्मिक प्रबंधक के द्वारा उस संबंध में समस्त समस्त दस्तावेज मंगाए गए और गवाहों के हस्ताक्षर लिए जाने के बाद भी आज तक उक्त राशि नहीं दी गई चुकी एक अन्य महिला मीरा यादव ने आपत्ति लगाते हुए दावा किया कि मैं भी उनकी दूसरी रखैल पत्नी हूं जबकि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार और कोल इंडिया के प्रावधानों के मुताबिक सर्विस रिकॉर्ड में नामित पत्नी को ही नौकरी पेंशन का लाभ दिया जाता है यदि अन्य पत्नी बच्चे हुए तो सिर्फ पैसे केउसके लिए कोर्ट से उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जारी कराया जाता है जिस संबंध में उर्मिला यादव ने बुढार न्यायालय में उक्त राशि प्राप्त करने के लिए केस लगाया है किंतु आज तक नौकरी और पेंशन की राशि ना दिया जाना प्रबंधन की लापरवाही को दिखाता है कोरोना में 1 वर्ष से ऊपर दैनिक मजदूरी कर अपनी 3 जवान बेटियों का पेट पाल रहे उर्मिला यादव आज कालरी की लापरवाही से भूखों मरने की स्थिति में है लेकिन कार्मिक प्रबंधक अमलाई सहित यहां के प्रबंधन पर जरा भी दया नाम की चीज नहीं दिखी की नौकरी पेंशन की फाइल आगे बढ़ाया जाए इसके लिए दिनांक 25 जून को लोकप्रिय महाप्रबंधक सोहागपुर के अलावाबिलासपुर के आला अधिकारियों से उर्मिला यादव ने मांग किया कि उसे तत्काल नौकरी पेंशन इत्यादि दिया जाए और पैसे के लिए जो भी माननीय न्यायालय का आदेश होगा उसका पालन कराया जाए इसके लिए उसने अपने अधिवक्ता के माध्यम से कानूनी नोटिस भी भिजवाया और इसके साथ बिलासपुर के आला अफसरों से भी नौकरी पेंशन के लिए न्याय की गुहार लगाई है मुख्य महाप्रबंधक से अपेक्षा है कि इस गरीब महिला की फाइल को ध्यान देते हुए नौकरी परेशन दिलवाए जाने का आदेश करें