‘पुरखा के सुरता: हमर पंडित दीनदयाल उपाध्याय’ पुस्तक का मुख्यमंत्री ने किया विमोचन:राज्य सरकार की योजनाएं अंत्योदय के दर्शन पर केन्द्रित : डॉ. रमन सिंह
JOGI EXPRESS
मुख्यमंत्री शामिल हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष समापन समारोह में
‘पुरखा के सुरता: हमर पंडित दीनदयाल उपाध्याय’ पुस्तक का किया विमोचन
रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाएं पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के दर्शन पर केन्द्रित हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री खाद्यान्न एवं पोषण सुरक्षा योजना, कौशल उन्नयन योजना, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना, वनवासियों को वन अधिकार पत्रों के वितरण और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में एज्युकेशन हब जैसे नवाचारों का उल्लेख किया। डॉ. सिंह ने कहा कि राज्य सरकार दूरस्थ गांवों के अंतिम व्यक्ति तक बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और बेहतर अधोसंरचना सहित गांवों में भी शहरों जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री आज यहां पंडित जवाहर लाल नेहरु स्मृति मेडिकल कॉलेज के सभागार में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष समापन समारोह और पुरखा के सुरता हमर पंडित दीनदयाल उपाध्याय पुस्तक के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी समारोह आयोजन समिति और एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान द्वारा किया गया।
कृषि एवं जलसंसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। छत्तीसगढ़ राज्य वनौषधि बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामप्रताप सिंह और एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के अध्यक्ष डॉ. महेश चंद्र शर्मा विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित थे। डॉ. शर्मा समारोह के मुख्य वक्ता भी थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी भाषा में प्रकाशित पुरखा के सुरता हमर पंडित दीनदयाल उपाध्याय पुस्तक का विमोचन भी किया। एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के सहयोग से प्रकाशित इस पुस्तक का संपादन श्री अवधेश कुमार जैन के नेतृत्व में संपादक मण्डल ने किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि सबको आवास देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत प्रदेश में लगभग आठ लाख घरों का निर्माण किया जाएगा। इस योजना का नामकरण प्रदेश में पंडित दीनदयाल उपाध्याय आवास योजना किया गया है। कोरबा में लगभग 125 करोड़ रुपए की लागत से 40 एकड़ में पंडित दीनदयाल उपाध्याय आवासीय शैक्षणिक परिसर का निर्माण किया जा रहा है, जहां चार हजार बच्चे रह कर शिक्षा ग्रहण करेंगे। यहां सीपेट सहित दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए एक सौ सीटों का विद्यालय भी निर्मित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नया रायपुर में सचिवालय महानदी भवन और संचालनालय इंद्रावती भवन तक जाने वाले मुख्य मार्ग का नामकरण एकात्म पथ किया गया है, इस मार्ग पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा स्थापित की गयी है। प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय , संपूर्ण वाग्मय पुस्तक उपलब्ध करा दी गयी है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष में पूरे प्रदेश में उनके जीवन दर्शन पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कृषि एवं जलसंसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद और अंत्योदय के सिद्धांत पर चल कर वसुधैव कुटुम्बकम की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. महेश चंद्र शर्मा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय और राष्ट्रवादी प्रश्नों पर आंदोलन करने वाले देश के महापुरुष थे। उन्होंने गोवा के मुक्ति आंदोलन, पाण्डुचेरी की आजादी, जम्मू एवं कश्मीर को भारत के अभिन्न अंग के रुप स्थापित करने में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जब देश के अकादमिक संस्थान सत्य से पीछे हटते हैं, तो पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे महापुरुषों के राष्ट्र निर्माण में योगदान से नई पीढ़ी अनजान रह जाती है। उन्होंने कहा कि आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय की परिकल्पना के अनुसार आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना की जरुरत है, जिससे सभी को रोजगार के अवसर मिलें, आज यह भी आवश्यक है कि नई पीढ़ी पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे महापुरुषों के योगदान को जाने। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी समारोह आयोजन समिति के संयोजक श्री सच्चिदानंद उपासने ने जन्म शताब्दी समारोह के दौरान छत्तीसगढ़ में आयोजित कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर अनेक जन-प्रतिनिधि और प्रबुद्ध नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।