प्रधानमंत्री ने की रमन सरकार की तारीफ : छत्तीसगढ़ के पहाड़ी गांव में बिजली पहुंचने पर प्रधानमंत्री हुए भावुक
JOGI EXPRESS
गांवों और घरों को रौशन करने के प्रयासों को लगातार मिल रही कामयाबी
रायपुर, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के दूरदराज गांवों तक बिजली की रौशनी पहुंचाने के लिए रमन सरकार के प्रयासों की तारीफ की है। श्री मोदी ने राज्य के आदिवासी बहुल बलरामपुर-रामानुजगुंज जिले के एक पहाड़ी गांव जोकापाट के विद्युतीकरण के बारे में मिले समाचार पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने आज ट््वीट करते हुए कहा कि इस प्रकार के समाचारों से मुझे अत्यधिक खुशी होती है और मैं बहुत भावुक हो जाता हूं। श्री मोदी ने अपने ट््वीटर संदेश में लिखा-मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई कि इस गांव में कई लोगों का जीवन रौशन हुआ है। गांव के सरपंच सहित वहां के ग्रामीणों का कहना है-’बिजली की व्यवस्था होने पर हम सब काफी खुश हैं। अब हमारे बच्चे आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं और जीवन में तरक्की कर सकते हैं।’
ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश व्यापी लोक सुराज अभियान के दौरान इस वर्ष 7 अप्रैल को गर्मियों की दोपहरी में जोकापाट का अचानक दौरा किया था। उन्होंने साल वनों के नजदीक खूबसूरत पहाड़ी वादियों में बसे इस गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों से विभिन्न योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली थी। डॉ. रमन सिंह ने वहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वयं का मकान बना रहे एक ग्रामीण श्री सोबरन नाग के साथ मिलकर ईंट जोड़ाई करते हुए श्रमदान भी किया था। पहाड़ियों पर बसे ग्राम जोकापाट में राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा से बिजली की समुचित व्यवस्था की है। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में जोकापाट, लहसुनपाट, बाड़ीचलगली और सीतारामपुर में छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा एक-एक किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं। सोलर पम्पों से सिंचाई और शुद्ध पेयजल की भी व्यवस्था की गई है। जोकापाट में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 57 परिवारों को मकान निर्माण के लिए एक लाख 30 हजार रूपए के मान से राशि मंजूर की गई है। जोकापाट में प्राथमिक, मिडिल और हाईस्कूल भी संचालित हैं। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण वहां अप्रैल-मई की गर्मियों में भी भूमिगत जल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। सिर्फ 15 फीट की गहराई में पानी मिल जाता है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार ने गांवों और घरों को रौशन करने के लिए जो अभियान चलाया है, उसे लगातार कामयाबी मिल रही है। इस अभियान के तहत अभी सिर्फ पांच दिन पहले 12 दिसम्बर को प्रदेश में बिजली तिहार भी मनाया, जिसमें एक दिन में एक साथ 36 विद्युत उपकेन्द्रों का विभिन्न जिलों में लोकार्पण करते हुए एक नया इतिहास भी रचा गया। ये उपकेन्द्र 33/11 के.व्ही. क्षमता के हैं और इनकी कुल लागत 57 करोड़ रूपए से अधिक है। मुख्यमंत्री ने 12 दिसंबर को ही बस्तर (जगदलपुर) जिले के ग्राम महुपाल बरई (परचनपाल) में आयोजित बिजली तिहार में 633 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित 400/200 के.व्ही. क्षमता के नये विद्युत उपकेन्द्र और पारेषण लाईन का लोकार्पण किया था, जो छत्तीसगढ़ का तीसरा सबसे बड़ा और सर्वाधिक क्षमता का विद्युत सब-स्टेशन है। रमन सरकार द्वारा विगत 14 वर्षों में इतनी उच्च शक्ति के दो विद्युत सब-स्टेशन ग्राम रैता (विकासखण्ड-धरसींवा, जिला रायपुर) और ग्राम खेदामारा (जिला-दुर्ग) में बनाए जा चुके हैं। छत्तीसगढ़ वर्ष 2008 से लगातार देश का पहला विद्युत कटौती मुक्त राज्य बना हुआ है। राज्य में 98.67 प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य योजना) के तहत अगले छह महीने के भीतर मई 2018 तक प्रदेश के सभी लगभग सात लाख विद्युत विहीन घरों में बिजली पहुंचाने और शत्-प्रतिशत मजरो-टोलों के विद्युतीकरण का लक्ष्य घोषित किया है। विगत 14 वर्ष में छत्तीसगढ़ में बिजली की प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक खपत 525 यूनिट से बढ़कर 1724 यूनिट हो गई है।