November 22, 2024

मन में है विश्वास” कोरोना से लड़ाई में किए जा रहे प्रयासों को रेखांकित करती विशेष शृंखला

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जाने कैसे अनूपपुर जैसे छोटे सुदूर आदिवासी बाहुल्य ज़िले में कभी नहीं हुआ ऑक्सीजन का संकट

भविष्योन्मुखी प्लानिंग एवं बेहतर क्रियान्वयन से कोरोना सुविधाओं को लगातार किया गया सुदृढ़

खपत की निगरानी एवं आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु विशेष दल नियुक्त

शहडोल, उमरिया और सीधी को भी ऑक्सीजन आपूर्ति में अनूपपुर प्रदान कर रहा है सहयोग
अनूपपुर( अविरल गौतम )मई 17, 2021

कोरोना संकट से निपटने हेतु शासन प्रशासन के साथ विभिन्न समाजसेवी संगठन युद्धस्तर पर प्रयास कर रहे हैं। सभी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने हेतु सतत प्रयास किए जा रहे हैं। अनूपपुर ज़िला भी इस प्रयास में प्रदेश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा है। मध्यप्रदेश के सुदूर पूर्वी अंचल में स्थित आदिवासी बाहुल्य इस ज़िले में विभिन्न सुविधाओं का उपलब्ध होना, शासन प्रशासन के प्रयासों, बेहतर प्रबंधन एवं उत्कृष्ट क्रियान्वयन को परिलक्षित करता है।

   आइए जाने अनूपपुर ज़िले में कैसे ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुनिश्चित किया गया ! कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर के वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित प्रबंधन से ऑक्सीजन की नियमित आपूर्ति ज़िले में बेहतर तरीक़े से सुनिश्चित की गयी है। इस अभियान में उन्हें शासन के सहयोग के साथ-साथ समर्पित ऑक्सीजन हीरोज़ का साथ भी प्राप्त हुआ।

    ऑक्सीजन की सुचारु सप्लाई हेतु मरीज़ों की अनुमानित संख्या अनुसार बेड हेतु प्रयुक्त सिलिंडर के साथ-साथ स्टॉक में पर्याप्त सिलिंडर की उपलब्धता एवं सप्लाई हेतु आवागमन में प्रयुक्त सिलिंडर तीनो घटकों को ध्यान में रखकर 100-200-200 के फार्मूला पर काम किया गया। ज़िला अस्पताल में प्रारम्भ में मात्र 182 ऑक्सीजन सिलिंडर थे जो कि अब बढ़कर 500 सिलिंडर हो चुके हैं। बेहतर प्लानिंग एवं क्रियान्वयन से ऑक्सीजन सप्लाई की सशक्त चेन स्थापित की गयी जिससे ज़िले में अब तक ऑक्सीजन सप्लाई की परेशानी नही हुई।

     इसके साथ ही ऑक्सीजन सप्लाई हेतु एक से अधिक स्त्रोतों को चिन्हित किया गय। जैतहरी के सद्गुरु ऑक्सीजन रिफिल प्लांट को फिर से शुरू करने की कवायत की गयी, भिलाई स्टील प्लांट से टैंकर न होने के कारण लिक्विड ऑक्सीजन के न मिलने पर ग़ाज़ियाबाद से 20 टन क्षमता का टैंकर निर्माण कर बुलाया गया, ताकि ऑक्सीजन की सुचारु रूप से आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।

     ऑक्सीजन की सतत आपूर्ति हेतु खपत निगरानी एवं परिवहन हेतु विशेष दलों का गठन किया गया। दल के अधिकारियों द्वारा पूरी मुस्तैदी एवं समर्पण से प्राणवायु की आपूर्ति हेतु प्रयास किए गए। सिंगरौली-जैतहरी-सूरजपुर से एक साथ सिलिंडर की फिलिंग एवं उनकी समय से सप्लाई सुनिश्चित की गयी।

  ज़िले के ऑक्सीजन हीरो- कार्यपालन यंत्री पीएचई संतोष साल्वे, सहायक यंत्री पीएचई अली असगर, तहसीलदार शशांक शिंदे, दीपक तिवारी, उपयंत्री पीआईयू अजीत एवं फ़ार्मासिस्ट ज़िला चिकित्सालय अनूपपुर संतेश्वर। इन ऑक्सीजन हीरोज़ को पता है कि हर एक पल क़ीमती है इस हेतु लोडिंग-अनलोडिंग प्लान तैयार कर उसका क्रियान्वयन किया गया। यही कारण रहा कि ज़िले में अब तक ऑक्सीजन की कोई कमी नही हुई।

  इस अभियान में औद्योगिक संस्थानो एवं जनप्रतिनिधियों का भी सक्रिय सहयोग प्राप्त हुआ। ऑक्सीजन सप्लाई के विभिन्न घटकों में फ्लो मीटर की समस्या का तत्परता से निदान किया गया। आज अनूपपुर शहडोल, उमरिया और सीधी को भी ऑक्सीजन की आपूर्ति में मदद कर रहा है।

    इसके साथ ही सिलिंडर और ऑक्सीजन सप्लाई पर निर्भरता कम करने हेतु ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर का प्रयोग भी प्रारम्भ किया गया है। ज़िले में वर्तमान में 50 से अधिक कॉन्सन्ट्रेटर चालू हैं जिन्हें 100 तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है।

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