November 23, 2024

प्रधानमंत्री मोदी को चाय की केतली भेजकर त्यागपत्र की मांग निरी बचकानी और अशोभनीय राजनीतिक हरक़त : भाजपा

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एक बार ऐसी बात मणिशंकर अय्यर ने कही थी तो कांग्रेस दो बार से विपक्ष तक की हैसियत के लिये तरस रही : श्रीवास्तव

0 भाजपा प्रदेश प्रवक्ता का सवाल- क्रिकेट मैच और मेले-महोत्सव कराके प्रदेश को कोरोनाग्रस्त कराने वाले बघेल प्रदेश को उसके हाल पर छोड़कर असम में चुनाव प्रचार करके कौन-सी मानवता दिखा रहे थे?

0 हरितवाल मुख्यमंत्री बघेल से इस्तीफ़ा मांगकर उन्हें मानवता की सीख दें

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध हरितवाल द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चाय की केतली भेजकर प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र देकर देश को राहत पहुँचाने की मांग को निरी बचकानी और अशोभनीय राजनीतिक हरक़त बताते हुए कहा कि जिस कांग्रेस की प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ को कोरोना के भयावह संक्रमण के विस्फोटक मुहाने पर ला पटककर असम में चुनाव प्रचार के नाम पर सियासी नौटंकियाँ करने का काम किया, उस कांग्रेस के लोग प्रधानमंत्री श्री मोदी को मानवता का पाठ पढ़ाते शोभा नहीं देते।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि एक बार ऐसी बात मणिशंकर अय्यर ने कही थी तो कांग्रेस दो बार से विपक्ष तक की हैसियत के लिये तरस रही है। कांग्रेस की ऐसी ही बदज़ुबानी जारी रही तो जनता उसे गली-मुहल्लों की पार्टी भी नहीं रहने देगी। उन्होंने कहा कि हरितवाल ने चाय की केतली भेजकर कांग्रेस अपने भविष्य का राजनीतिक ठिकाना शायद तलाश लिया है।

श्रीवास्तव ने हरितवाल के बयान पर पलटवार करके पूछा कि क्रिकेट मैच कराके, मेले-महोत्सव कराके प्रदेश को कोरोनाग्रस्त कराने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश को उसके हाल पर छोड़कर असम में चुनाव प्रचार करके कौन-सी मानवता दिखा रहे थे? प्रदेश की जनता आज कोरोना के चलते त्राहि-त्राहि कर रही है तो हरितवाल मुख्यमंत्री बघेल से इस्तीफ़ा मांगकर उन्हें मानवता की सीख दें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी को अपनी पृष्ठभूमि पर गर्व है, दशकों तक देश बेचने वाले कांग्रेसियों को कभी मेहनत-मशक़्क़त कर शीर्ष पर पहुँचने वालों को सम्मान करने की तमीज़ नहीं आएगी। कांग्रेस के हर नेता का भविष्य ही एक परिवार की चाटुकारिता पर निर्भर करता है, ऐसे लोग श्रम सम्मान क्या समझेंगे। हरितवाल ने ऐसी भाषा का उपयोग कर अपने संस्कार का ही परिचय दिया है। कांग्रेस से इससे अधिक की उम्मीद भी नहीं रहती।

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