कोरोना के फैलाव को लेकर कांग्रेस सरकार को उसकी इस आपराधिक उदासीनता के लिए प्रदेश कभी माफ़ नहीं करेगा : भाजपा
0 भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र प्रदेश सरकार की नाकामियों के खुलकर सामने आने पर जमकर निशाना साधा, कहा- प्रदेश सरकार की उदासीनता का ही यह नतीज़ा है
0 प्रदेश सरकार कोरोना से जुड़े आँकड़े छिपाकर प्रदेश को ग़ुमराह कर रही, कोरोना संक्रमण की पिछली और मौज़ूदा दूसरी लहर को लेकर प्रदेश सरकार एक श्वेतपत्र जारी करे : डॉ. रमन
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कोरोना संक्रमण की दूसरी भयावह लहर में प्रदेश सरकार की नाकामियों के खुलकर सामने आने पर जमकर निशाना साधा है। डॉ. सिंह ने कहा कि कोरोना काल की शुरुआत से ही प्रदेश सरकार ने जिस तरह उदासीनता का परिचय दिया है, उसका ही यह नतीज़ा है कि छत्तीसगढ़ कोरोना संक्रमण के इस भयावह दौर से जूझने के लिए मज़बूर हो गया है और प्रदेश के लाखों लोग इस महामारी का दंश झेलते दिखाई दे रहे हैं और हज़ारों लोगों को अपने जीवन से ही हाथ धोना पड़ा है। डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश की जनता कांग्रेस की राज्य सरकार को उसकी इस आपराधिक उदासीनता के लिए कभी माफ़ नहीं करेगी।
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण से अब तक 06 हज़ार लोगों की मृत्यु हुई है, लेकिन प्रदेश सरकार एक बार फिर मृत्यु के आँकड़े छिपाकर अपनी बदनीयती का परिचय देती दिख रही है। डॉ. सिंह ने कहा कि कोरोना से बढ़ी मौतों के बावज़ूद ज़िला और राज्य के आंकड़ों में 28 अप्रैल तक इतना बड़ा अंतर सामने आया है कि मौतों को छिपाने के शक के दायरे में प्रदेश सरकार घिर गई है। डॉ. सिंह ने कहा कि ज़िला और राज्य के मौत के आँकड़ों में 299 का अंतर प्रदेश सरकार की बदनीयती को बेनक़ाब करने के लिए पर्याप्त है। रायपुर ज़िले में मौतों का यह आँकड़ा 2,568 बताया गया है जबकि राज्य के आँकड़े सिर्फ़ 2,269 मौतें बता रहे हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि यह तो प्रदेश के सिर्फ़ एक ज़िले की सच्चाई है, पूरे प्रदेश में मौत के आँकड़ों के अंतर का अनुमान लगाया जा सकता है। इसी तरह एक्टिव मरीजों और संक्रमितों की संख्या में भी हज़ारों का फ़र्क़ सामने आया है। प्रदेश सरकार आँकड़ों को छिपाकर प्रदेश को ग़ुमराह कर रही है, जो न केवल चिंताजनक, अपितु निंदनीय भी है। डॉ. सिंह ने कोरोना संक्रमण की पिछली और मौज़ूदा दूसरी लहर को लेकर प्रदेश सरकार से एक श्वेतपत्र जारी करने की मांग की है।
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि कोरोना काल की शुरुआत से ही अपने सत्ता-मद में चूर प्रदेश कांग्रेस के सत्ताधीशों ने केवल राजनीतिक नौटंकियों में ही वक़्त जाया किया और कोरोना संक्रमण से मुक़ाबले के लिए ज़रूरी तकनीकी इंतज़ाम और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार पर कोई ध्यान नहीं दिया। आज हालात ये हैं कि कांग्रेस विधायक अपनी सरकार की नाकामियों से नाराज हैं और संसाधनों की कमी को लेकर मुखर हो रहे हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि सालभर का समय प्रदेश सरकार ने केवल राजनीतिक शिगूफ़ेबाजी और केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ अनर्गल प्रलाप कर अपने झूठ का रायता फैलाने में ही जाया किया, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने न तो पेरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति के नज़रिए से कोई पहल की और न ही बेहतर स्वास्थ्य उपकरण, सुविधाएँ और दीग़र ज़रूरी इंतज़ाम पर कोई ध्यान दिया। डॉ. सिंह ने हाल ही हुई कांग्रेस विधायक दल की वर्चुअल बैठक में उठाए गए वेंटीलेटर के मुद्दे का ज़िक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में कई ऐसे इलाक़े हैं जहाँ वेंटीलेटर तो हैं पर उनको चलाने के लिए तकनीशियन स्टाफ की कमी है। यह स्थिति प्रदेश सरकार की कोरोना को लेकर गंभीर लापरवाही का संकेत कर रही है।
भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमितों के पर्याप्त इलाज के लिए अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने, नए कोविड सेंटर्स खोले जाने, ऑक्सीज़न की नियमित व निर्बाध आपूर्ति और ज़रूरी दवाओं की सहज उपलब्धता की मांग उठ रही है, लेकिन प्रदेश सरकार इन कामों को करने के बजाय अब भी केंद्र सरकार को कोसने और सस्ती राजनीति करने में ही लगी हुई है। कोविड सेंटर्स की अनियमितताओं की चर्चा करते हुए डॉ. सिंह ने हैरानी जताई कि कोविड सेंटर्स से मरीज भागने और मृत मिलने, राजधानी के अंबेडकर अस्पताल में ज़िंदा महिला को को मृत बताकर अंतिम संस्कार के लिए ले जाना, परिजनों को कोरोना संक्रमितों की मृत्यु का समय पर सूचना तक नहीं देना और अब भी कोविड सेंटर में भर्ती मरीजों द्वारा आत्महत्या करने की वारदातें बता रही हैं कि प्रदेश सरकार के बड़े-बड़े दावों की ज़मीनी सच्चाई क्या है? पूरे प्रदेश में रेमिडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी से मची मारामारी के बीच प्रदेश सरकार हालात में सुधार के दावे तो खूब कर रही है, लेकिन कोरोना संक्रमितों के परिजन आज भी इस इंजेक्शन के लिए दर-दर भटकने विवश हो रहे हैं और सरकारी डॉक्टर्स व स्वास्थ्य स्टाफ के लोग ख़ुद इस इंजेक्शन की कालाबाजारी करने में लगे हैं।