विद्युत शवदाह मशीन होने के बावजूद कोविड मृतकों का खुले में अंतिम संस्कार, न्यायसंगत नहीं है – पूर्व महापौर रेड्डी
(चिरमिरी नगर निगम का मामला, प्रशासन से हस्तक्षेप की उठी माँग)
चिरमिरी – यूँ तो प्रत्येक समाज बदलते समयकाल के साथ अपने आप को अपग्रेड करते रहता है। लेकिन चिरमिरी नगर निगम में एक ऐसा उदाहरण सामने आया है, जहाँ डेढ़ साल पहले से स्थापित आधुनिक मशीनीकरण के योजना को मूर्तरूप देते हुए विद्युत शवदाह मशीन के लगे होने के बावजूद आज भी कोरोना के इस वैश्विक महामारी में कोविड से मृत शवों को खुले में ही अंतिम संस्कार किया जा रहा है और प्रशासन का समुचित ध्यान इस ओर अभी तक नहीं गया है। इस सम्बंध में अब धीरे – धीरे शहर के प्रबुद्ध वर्ग में रोष प्रगट होता दिख रहा है।
ज्ञातव्य है कि चिरमिरी नगर निगम में पिछले कार्यकाल में तत्कालीन महापौर के. डोमरु रेड्डी ने शहर के लोगों को मुक्तिधाम के लिए लकड़ियों को लेकर होने वाले परेशानियों को मद्देनजर अपने शहर में विद्युत शवदाह मशीन लगाने के दृढ़ इच्छाशक्ति को दिखाते हुए जिला खनिज न्यास निधि से 30 लाख रुपयों की स्वीकृति प्राप्त कर, डोमनहिल मुक्तिधाम में इस अभिनव प्रयास को मूर्तरूप देते हुए स्थापना करवाया। जिसे 13 अक्टूबर 2019 को बाकायदा छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महन्त के मुख्य आतिथ्य तथा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महन्त के अध्यक्षता में विधायकगण गुलाब कमरों, डॉ. विनय जायसवाल के विशिष्ट आतिथ्य में नगर निगम परिषर में वृहद जनसभा आयोजित कराकर, लगभग 06 करोड़ के आसपास के विभिन्न कार्यों का लोकार्पण व कुछ के भूमिपूजन कार्यक्रम भी करवाया था। बावजूद इसके इसे प्रारम्भ करने के बजाय नगर निगम प्रशासन ने अपना रंग बदलते हुए श्री रेड्डी के कार्यकाल समाप्त होते ही, उनके इस ड्रीम प्रोजेक्ट को भी ठंडा बस्ता में डाल दिया। बताते हैं कि पूर्व कार्यकाल के ऐसे बहुत से और कार्य भी हैं, जिन्हें स्वयं पूर्व महापौर के. डोमरु रेड्डी के द्वारा वर्तमान महापौर और आयुक्त को पत्र लिखने के बाद भी कई योजनाओं को प्रारम्भ नहीं किया गया है।
किन्तु अब कोविड के बढ़ते मामलों से मृत हो रहे शवों को खुले में दाह संस्कार करने के व्यवस्था से चिंतित लोग अब इसको लेकर आवाज मुखर करने लगे हैं। पहले भाजपा नेता प्रदीप सलूजा ने इसे लेकर सोशल मीडिया को माध्यम बना कर, शासन – प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया तो अब स्वयं पूर्व महापौर श्री रेड्डी भी अपने शहर में उचित संसाधन होने के बावजूद उसका समुचित उपयोग नहीं हो पाने पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए, अपने ही पार्टी के कब्जा वाले नगर निगम के खिलाफ जमकर मुखर होते हुए आज कलेक्टर, प्रभारी आयुक्त के अतिरिक्त प्रभार में चल रहे अनुविभागीय अधिकारी और तहसीलदार को चिरमिरी में बंद पड़े इस विद्युत शवदाह मशीन को चालू कर, अंतिम संस्कार कराने की मांग की है।
यह भी ध्यान देने योग्य तथ्य सामने आ रहे हैं कि चिरमिरी में लकड़ियों की भी व्यवस्था न हो पाने से ज्यादातर लोग मनेन्द्रगढ़ जाकर वन विभाग के काष्ठागार से लकड़ी लेन को मजबूर हैं, जबकि राज्य सरकार के द्वारा चलाये जा रहे मुक्तांजली योजना के तहत अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम, नगर पालिका के द्वारा ही नो लॉस – नो प्रॉफिट में लकड़ी उपलब्ध कराया जाना है, लेकिन आज वो व्यवस्था भी ध्वस्त होता दिख रहा है। ऐसे में प्रदेश में दूसरा और संभाग में पहला चिरमिरी में लगे इस मशीन का उपयोग काफी कारगर पहल होगा। जिस ओर कड़े पहल किये जाने की आवश्यकता है।