November 23, 2024

कड़ी मेहनत से बदली परिवार की तस्वीर

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अनूपपुरअबिरल गौतम) 12 मार्च 2021/ अगर इंसान कुछ नया करने की ठान ले, तो क्या नहीं कर सकता है। ऐसा ही कर दिखाया है पुरानी बस्ती अनूपपुर में रहने वाली द्रौपती पटेल ने। उन्होंने अपनी लगन और मेहनत से अनेक समस्याओं से जूझ रहे परिवार की तस्वीर बदलकर रख दी।
द्रौपती पांचवी तक शिक्षित हैं। उनके पति के पास 4.5 एकड़ जमीन है। उनके घर से लगी आधा एकड़ जमीन है, जिस पर उन्होंने सब्जी उगानी चाही। मगर इसमें उनके सामने धन की कमी आड़े आ गई। परिवार के आर्थिक हालात ठीक नहीं थे। परिवार के हालात ठीक करने के लिए वह आमदनी बढ़ाना चाहती थीं। इसलिए वह सब्जी उगाने के साथ-साथ किराना दुकान भी चलाना चाहती थीं।
इस बीच उनकी बहन ने उनकी आर्थिक कठिनाई को देखते हुए आर्थिक मदद के लिए पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक कल्याण विभाग से संपर्क करने की उन्हें सलाह दी। फलस्वरूप द्रौपती ने उक्त विभाग से संपर्क किया और मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना के तहत पचास हजार रुपये की आर्थिक सहायता के लिए आवेदन कर दिया। विभाग ने जल्दी ही उनका प्रकरण अनूपपुर की यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखा को भिजवा दिया, जहां से उन्हें पचास हजार रुपये का ऋण मिल गया। इसमें शासन द्वारा प्रदत्त अनुदान राशि भी शामिल है। फिर क्या था, द्रौपती ने झटपट इस पैसे से खाली पड़ी जमीन पर सब्जी उगाने के साथ-साथ घर में ही किराने की छोटीसी दुकान शुरु कर दी।
कम पूंजी से शुरु हुए इस व्यवसाय ने द्रौपती के परिवार के हालात बदलने शुरु कर दिए। उनके परिवार की माली हालात सुधारने के लिए यह छोटी पूंजी बड़ी कारगर साबित हुई। आज उनकी हालत पहले से काफी बेहतर हुई है। इससे हो रही आमदनी से उनके परिवार की आजीविका अच्छी तरह चल रही है।
अपने व्यवसाय से खुश द्रौपती कहती हैं, ‘‘मैंने सब्जी का धंधा शुरु करने के साथ-साथ घर में ही एक छोटीसी किराना दुकान भी खोल ली है, जिससे दोनों तरह से कमाई कर सकूं। बैंक की किस्तें अदा करने के बावजूद मैं अच्छी खासी बचत कर लेती हूँ, जिससे परिवार का भरण-पोषण अच्छी तरह चल रहा है। यह योजना उन्हें लाभदायक सिद्ध हुई है।’’ पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक कल्याण विभाग की सहायक संचालक सुश्री मंजुला सेन्द्रे ने बताया कि सरकारी मदद और अपनी मेहनत की बदौलत द्रौपती जैसी कई महिलाएं अपने व्यवसाय स्थापित कर चुकी हैं। इनके माध्यम से वे अपने जीवन स्तर को उठा रही हैं। आत्मनिर्भर हो जाने से उनका आत्‍मविश्‍वास भी बढ़ा है।

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