ओ पी एम मेंपौधारोपण करने वाले मजदूरों का वर्षों से हो रहा शोषण।
अनूपपुर(अबिरल गौतम)बरगवां सोडा फैक्ट्री। एशिया का ख्याति प्राप्त कागज कारखाना जहां मिस चेंबर का निर्माण कर पौधारोपण किया जाता है।वहां कार्यरत श्रमिकों मजदूरों का निरंतर शोषण किया जा रहा है।विदित हो कि कागज कारखाना अंतर्गत ओपीएम गेस्ट हाउस के बगल से पौधारोपण करने के लिए भारी उद्यान बना हुआ है, जिसमें यूकेलिप्टस के पौधों को रोपित कर आसपास के कृषकों व बाह्य राज्यों में विक्रय करने के लिए तैयार किए जाते हैं।
2 करोड़ पौधे तैयार किए गए।
पूर्व वर्ष में कोविड-19 के दौरान वाइस प्रेसिडेंट दीपक खरे के निर्देशन में मिस चेंबर में 2 करोड़ यूकेलिप्टस के पौधे तैयार किए गए किंतु उन पौधों को ना तो कृषकों को दिया गया और ना ही अन्य राज्यों में विक्रय किया गया। ऐसी स्थिति में करोड़ों रुपए ओपीएम प्रबंधन का नुकसान किया गया।
मिस चेंबर पूर्व ठेकेदार के द्वारा मजदूरों का लाखों रुपए भविष्य निधि का हजम कर लिया गया।
कई वर्षों से कागज कारखाना के द्वारा अपने निर्मित मिस चेंबर में पौधारोपण के माध्यम से पौधों को तैयार किया जाता है उसके उपरांत तैयार होने पर आसपास के व दूरदराज के ग्रामीण अंचलों के साथ-साथ अन्य राज्यों में पौधों का विक्रय किया जाता है इस कार्य के लिए संस्थान के द्वारा कर्मचारी भी नियुक्त किए गए हैं। किंतु पौधों को तैयार करने वाले कर्मचारियों का पूर्व ठेकेदार के द्वारा उनके वेतन भुगतान व भविष्य निधि की राशि को हजम कर लिया गया था जिसके लिए कर्मचारियों के द्वारा महीने भर का हड़ताल व अनशन किया गया। जिसका प्रकाशन दैनिक भास्कर अखबार के द्वारा किया गया। समाचार प्रकाशित होने के बाद प्रबंधन वर्ग के द्वारा ठेकेदार को मिस चेंबर के कार्य से हटा दिया गया।
मजदूरों के द्वारा की जा रही मांग को अनसुनी करते हुए ओपीएम प्रबंधन अपने शोषण की प्रवृत्ति से बचने का प्रयास कर रही है इस प्रयास को लेकर संस्थान के द्वारा पूरी की पूरी गलती ठेकेदार के ऊपर मढ दिया जा रहा। जबकि पहली बार किसी ठेकेदार के द्वारा कार्यरत मजदूरों को उनके कार्य के मुताबिक पौधारोपण का कार्य देते हुए उनकी मजदूरी का भुगतान मासिक रूप से सही समय पर किया जाता रहा है। किंतु उद्योग प्रबंधन के द्वारा ठेकेदार को काम ना देकर यह कहकर टाल दिया जाता है,कि हमारे पास कोई काम नहीं है,और जब तक काम नहीं है तो कोई भुगतान नहीं है,ऐसी स्थिति में कई मजदूरों जिनका अपने कार्य के दौरान राज्य कर्मचारी बीमा, भविष्य निधि जैसी जरूरत व परिवार का उधर पोषण करने के लिए उनके कार्य के बदले में मिलने वाला वेतन भी बंद कर दिया जाता है।
इस प्रकार मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय को लेकर बार-बार अनशन व हड़ताल की स्थिति निर्मित होती है,जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी ओपीएम प्रबंधन की है।