प्रदेश में लोक निर्माण विभाग का बजट 229 करोड़ से बढ़कर 7795 करोड़ रूपए तक पहुंचा:नक्सल प्रभावित बस्तर अंचल में 1890 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा:राजेश मूणत
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नक्सल प्रभावित इलाकों और नये जिलों में अधोसंरचना विकास में मिली शानदार कामयाबी: श्री राजेश मूणत
प्रदेश में लोक निर्माण विभाग का बजट 229 करोड़ से बढ़कर 7795 करोड़ रूपए तक पहुंचा
नया रायपुर में वर्ष 2030 तक पांच लाख लोगों को बसाने का लक्ष्य,नक्सल प्रभावित बस्तर अंचल में 1890 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा
रायपुर, लोक निर्माण, आवास और पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत ने कहा कि राज्य के सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित इलाकों और नवगठित जिलों में सड़कों, पुल-पुलियों और सरकारी भवनों सहित विभिन्न बुनियादी संरचनाओं के विकास को प्रदेश सरकार ने एक चुनौती के रूप में लिया और इस दिशा में विगत 14 वर्षों में शानदार कामयाबी हासिल की। श्री मूणत आज यहां न्यू सर्किट हाउस में स्थानीय मीडिया प्रतिनिधियों को प्रदेश सरकार के 14 वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी दे रहे थे।
उन्होंने बताया कि 21वीं सदी के स्मार्ट शहर के रूप में तेजी से विकसित हो रहे नया रायपुर में वर्ष 2030 तक पांच लाख आबादी को बसाहट देने का लक्ष्य है। नया रायपुर में मंत्रालय और विभागाध्यक्ष भवनों सहित कई सरकारी दफ्तरों के भवनों और कई आवासीय कालोनियों का निर्माण किया गया है।परिवहन विभाग द्वारा आम जनता की सुविधा के लिए राज्य में सभी चेक पोस्ट खत्म कर दिए गए हैं और सभी जिला परिवहन कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण करते हुए उन्हें आॅनलाइन कर दिया गया है। पर्यावरण सुधार की दृष्टि से ई-रिक्शों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने ई-रिक्शों को परिवहन टैक्स से पांच वर्ष के लिए छूट देने का भी निर्णय लिया है।
श्री मूणत ने कहा – लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश के सभी 27 जिलों में जनसुविधाओं की दृष्टि से विभिन्न प्रकार के निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर करवाए जा रहे हैं। नक्सल क्षेत्रों में लोक निर्माण विभाग को जनता के लिए अधोसंरचनाओं के विकास में लगातार कामयाबी मिल रही है। सुकमा जिले में दोरनापाल-चिंतलनार सड़क और शबरी नदी पर 500 मीटर पुल निर्माण इसका एक बड़ा उदाहरण है। श्री मूणत ने बताया कि नक्सल प्रभावित बस्तर अंचल के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में अब तक 1890 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित इलाकों के लिए केन्द्रीय योजना (एल.डब्ल्यू. ई. योजना) के तहत 1326 किलोमीटर सड़कें बनायी जा चुकी है। बस्तर अंचल में ही 138 नग पुलों का निर्माण किया गया है। श्री मूणत ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में 1962 किलोमीटर सड़कों को राजमार्ग और 12432 किलोमीटर सड़कों को मुख्य जिला मार्ग घोषित किया गया है।श्री मूणत ने बताया कि मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने वर्ष 2007 में दो और वर्ष 2012 में नौ नये जिलों का निर्माण किया, जिनमें कलेक्टोरेट भवन, सरकारी कर्मचारियों के लिए आवास गृह और ट्रांजिट हास्टल आदि के निर्माण के साथ-साथ इन सभी जिला मुख्यालयों को राष्ट्रीय राजमार्गाें से भी जोड़ा गया।
लोक निर्माण विभाग के बजट में 34 गुना वृद्धि
उन्होंने बताया – राज्य निर्माण के समय लोक निर्माण विभाग का वार्षिक बजट सिर्फ 229 करोड़ रूपए होता था, जो आज 34 गुना बढ़कर 7795 करोड़ रूपए तक पहुंच गया है। पहले सीमित बजट के कारण नई सड़कों के निर्माण और रख-रखाव में काफी मुश्किलें आती थी। मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने इसे संज्ञान में लिया और जनसुविधा की दृष्टि से प्रदेश में सड़कों और पुल-पुलियों का बेहतर नेटवर्क विकसित करने तथा शासकीय भवनों के निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता देकर विभाग के बजट में वर्ष 2003-04 से लगातार वृद्धि की।
विगत 14 वर्षों में बने 995 बड़े पुल
श्री मूणत ने बताया कि राज्य के उनके विभाग ने विगत 14 साल में 995 नये और बड़े पुलों का निर्माण करवाया। इसके अलावा विभाग द्वारा 6081 विभिन्न शासकीय भवनों का निर्माण किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के सभी 146 विकासखंड मुख्यालयों को सात मीटर चैड़ी सड़कों से जोड़ने की योजना बनाकर अब तक 124 ब्लाॅक मुख्यालयों को इससे जोड़ा जा चुका है। सभी प्रमुख शहरों में बायपास रोड़ निर्माण की योजना पर काम तेजी से चल रहा है। इसके अंतर्गत 16 बायपास सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है, जिनमें रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, जगदलपुर, अम्बिकापुर आदि शामिल हैं। शेष बाकी शहरों को बायपास मार्गाें से जोड़ने की दिशा में काम चल रहा है।
अब पांच करोड़ से ज्यादा के सभी टेंडरों के लिए ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली
श्री मूणत ने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी लाने के लिए ई-प्रोक्योरमेंट की प्रणाली लागू की है। वर्तमान में 5 करोड़ रूपए से ज्यादा के सभी टेंडर ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली से आॅन लाइन आमंत्रित किए जा रहे है।
प्रदेश के चार हजार से ज्यादा बेरोजगार इंजीनियरों –
राजमिस्त्रियों को दिए गए एक हजार करोड़ से ज्यादा के काम
लोक निर्माण मंत्री ने बताया – उनके विभाग द्वारा बेेरोजगार इंजीनियरों और राजमिस्त्रियों का पंजीयन भी किया जा रहा है, जिन्हें साल में दो -दो कार्य दिए जाते हैं। राज्य के स्नातक इंजीनियरों को अधिकतम 50 लाख रूपए, डिप्लोमा इंजीनियरों को अधिकतम 25 लाख रूपए और राजमिस्त्रियों को अधिकतम 15 लाख रूपए के कार्य देने का प्रावधान किया गया है। अब तक इस योजना में चार हजार 280 बेरोजगार इंजीनियरों और राजमिस्त्रियों का पंजीयन कर उन्हें एक हजार करोड़ रूपए से ज्यादा के कार्य दिए जा चुकेे हैं।
अब तक 324 करोड़ के 15 रेल्वे ओव्हर ब्रिजों का निर्माण पूर्ण
श्री मूणत ने यह भी बतया कि विगत चैदह वर्ष में राज्य में 324 करोड़ की लागत से 15 रेल्वे ओव्हर ब्रिजों और 286 करोड़ की लागत से चार रेलवे अंडर ब्रिजों का निर्माण किया जा चुका है। वर्तमान में निर्माणाधीन सभी रेल्वे ओव्हरब्रिजों और रेल्वे अंडर ब्रिजों का निर्माण 2018 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। उन्होंने यह भी बताया कि लोक निर्माण विभाग द्वारा राजनांदगांव मे 400 करोड़ की लागत से मेडिकल काॅलेज भवन का निर्माण किया जा रहा है, जिसे दो साल में पूर्ण कर लिया जाएगा। जगदलपुर और रायगढ़ में शासकीय मेडिकल काॅलेज भवनों का निर्माण किया जा चुका है।
आवास क्रांति की दिशा में अभूतपूर्व कार्य
श्री मूणत ने बताया कि मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश में सभी परिवारों को मकान दिलाने के लिए भी कई योजनाएं शुरू की गई है। प्रदेश में आवास क्रांति की दिशा में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। नया राज्य बनने के बाद प्रथम तीन वर्षाें में गृह निर्माण मंडल नहीं था, लेकिन डाॅ. रमन सिंह ने आवास क्रांति के सपने को साकार करने के लिए वर्ष 2004 में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल का गठन किया। गृह निर्माण मंडल ने विगत 2004 से 85 हजार मकान बनाने का कार्य हाथ में लिया। इनमें से अधिकांश मकान बन चुके हैं। अटल आवास योजना के तहत 8 हजार 806, दीनदयाल आवास योजना के तहत 17 हजार 115, सामान्य आवास योजना के तहत 43 हजार 194, अटल विहार योजना के तहत 11 हजार 891 और बी.एस.यू.पी. और आई.एस.एच.डी.पी. योजना के चार हजार मकान इनमें शामिल हैं। श्री मूणत ने बताया कि नया रायपुर में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 40 हजार मकानों के निमार्ण का लक्ष्य है। इन मकानों के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) के आवेदकों को एक लाख 150 हजार रूपए और निम्न आय वर्ग (एल.आई.जी) श्रेणी के आवेदकों को एक लाख रूपए का अनुदान राज्य शासन की ओर से देने का प्रावधान किया है। श्री मूणत के साथ पत्रकार वार्ता में गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सवन्नी, परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री बी.व्ही.आर. सुब्रमण्यम, लोक निर्माण विभाग के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, परिवहन विभाग के सचिव श्री अरूणदेव गौतम, आवास एवं पर्यावरण विभाग के सचिव श्री संजय शुक्ला और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।