मनोज द्विवेदी ने कोरोना काल में विद्यार्थियों के जीवन को संवारनें हेतु पाठ्य पुस्तक का किया वितरण
उमरिया (अबिरल गौतम)11 फरवरी -कुछ ऐसा काम न करूं कि बेकाम हो जाये
तलाशता हूँ ऐसा वक्त की मेरी जिंदगी किसी के काम आ जाये।
शिक्षक एक वेतनभोगी शासकीय सेवक ही नही अपितु सदैव से समाज का मार्गदर्शक रहा है। वह विद्यार्थियों को ज्ञान देने के साथ ही अपने कार्यो के द्वारा समाज में उनकी भूमिका को निखारनंे का दायित्व भी निर्वहन करते रहे है। जिसकी वजह से समाज में उन्हें सम्मान की दृष्टि से विशेष दर्जा प्राप्त हैं ।
शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय पाली में गणित के व्याख्याता मनोज द्विवेदी ने कोरोना संक्रमण काल मे जब स्कूले बंद थी , के दौरान पाली ब्लॉक अंतर्गत शहरी एवं ग्रामीण अंचलों में स्थित सरकारी विद्यालयों के अध्ययनरत छात्र व छात्राओं को मदद प्रदान करने के उद्देश्य से पठन पाठन के सामग्रियों का निःशुल्क वितरण कर शिक्षकीय दायित्व का बखूबी निर्वहन किया। अभी भी इस पुनीत व समाजसेवा के कार्य में अपने सहयोगियों के साथ जुटे हुए है। व्याख्यता मनोज द्विवेदी का कहना है कि वह छात्र जो पढ़ना चाहते है लेकिन घर की माली हालत ठीक न होने की वजह से शिक्षा लेने में वंचित हो जाते है उनकी मदद के लिए समाजसेवियों को आगे आकर मदद करनी चाहिए। श्री द्विवेदी का मानना है कि एक छोटी सी मदद न जाने किसके भाग्य को परिवर्तित कर सकती है ।
मनोज द्विवेदी ने कार्यकुशलता की वजह से शिक्षा जगत में अलग पहचान स्थापित की है। उनके शिक्षा के प्रति समर्पण के लिए 5 सितंबर 2017 को भोपाल में लोक शिक्षा संचालनालय द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान , तात्कालिक शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह व मंत्री दीपक जोशी के द्वारा 25 हजार रूपये का नगद पुरस्कार सहित शाल श्री फल एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया था। पुरुस्कार मे मिली राशि का उपयोग स्पोर्ट्स सामग्री खरीद कर क्षेत्र के विद्यालयों में छात्रों के खेलकूद के लिए वितरण कर दिया ।