राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया
नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज यहां संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में महिलाओं की सुरक्षा, उन्हें स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान करने और विभिन्न क्षेत्रों में समान भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला।
अपने संबोधन में, राष्ट्रपति ने कहा, “मेरी सरकार का यह सुनिश्चित करने का निरंतर प्रयास है कि देश के हर वर्ग को उद्यमिता का लाभ मिले। हुनरहाट और यूएसटीटीएडी जैसी योजनाओं के तहत न केवल लाखों शिल्पकारों के कौशल का विकास किया जा रहा है, बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित किये जा रहे हैं। इन शिल्पकारों को ई-हाट के माध्यम से वैश्विक बाजार से जोड़ा जा रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महिला उद्यमियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। मेरी सरकार ने महिलाओं को स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मुद्रा योजना के तहत अब तक 25 करोड़ से अधिक ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से लगभग 70% महिला उद्यमियों को दिए गए हैं।”
राष्ट्रपति ने कहा, “दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 7 करोड़ से अधिक महिला उद्यमी देश के लगभग 66 लाख स्वयं सहायता समूहों के नेटवर्क का हिस्सा बन गई हैं। इन महिला समूहों को पिछले 6 वर्षों में 3,40,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण प्रदान किए गए हैं।”
उन्होंने कहा, “देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कामकाजी महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ‘सुविधा’ योजना को लागू कर रही है, जिसके तहत सेनेटरी नैपकिन को 1 रुपये की मामूली लागत पर उपलब्ध कराया जाता है। मेरी सरकार राष्ट्रीय पोषण अभियान, गर्भवती महिलाओं की मुफ्त जांच और उन्हें वित्तीय सहायता जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए लगातार काम कर रही है। इसकी वजह से, मातृ मृत्यु दर 2014 में 130 प्रति लाख से घटकर अब 113 हो गई है। पहली बार 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर भी घटकर 36 हो गई है, जोकि 39 के वैश्विक औसत दर से कम है।”
राष्ट्रपति ने कहा, “चूंकि मेरी सरकार महिलाओं की समान भागीदारी सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण मानती है, इसलिए वह विभिन्न क्षेत्रों में हमारी बहनों और बेटियों के लिए नए अवसर प्रदान कर रही है। मेरी सरकार ने इस दिशा में कई निर्णय लिए हैं, जैसे कि पहली बार भारतीय वायु सेना और सैन्य पुलिस की फाइटर स्ट्रीम में महिलाओं को नियुक्त करना, साथ ही साथ महिलाओं को रात्रिकालीन पारी में भूमिगत और ओपन कास्ट खानों में काम करने की अनुमति देना। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, देश भर में वन स्टॉप सेंटर, अपराधियों के राष्ट्रीय डेटाबेस, आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली और फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने जैसी कई पहलों पर तेज गति से काम किया जा रहा है।”