केन्द्र सरकार पर उच्चतम न्यायालय की तल्ख टिप्पणी उस बात पर मुहर है,जिसे देश भर के किसान व कांग्रेस पार्टी कहते आ रही है- विकास उपाध्याय

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रायपुर।कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा, उच्चत्तम न्यायालय द्वारा आज कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान   ये कहना कि न्यायालय के सामने एक याचिका ऐसी नहीं आई है जिसमें इन कृषि क़ानूनों को किसानों के लिए फायदेमंद बताया गया हो और केन्द्र सरकार को लेकर यह टिप्पणी करना कि, “हमें नहीं पता कि आप समाधान का हिस्सा हैं या समस्या का हिस्सा हैं।” मोदी सरकार के लिए बेहद ही शर्मनाक वाली बात है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने उच्चतम न्यायालय द्वारा कृषि कानूनों को लेकर हो रही सुनवाई के बीच आज दोपहर मोदी सरकार पर किये गए न्यायालय के तल्ख टिप्पणियों को केन्द्र सरकार के लिए बेहद ही शर्मनाक बताया है और कहा है,यह टिप्पणी उस बात पर न्यायालय की मुहर है,जिसे देश भर के किसान व कांग्रेस पार्टी सहित अन्य 24 राजनैतिक पार्टियां विरोध करते आ रही हैं। विकास उपाध्याय ने बताया कि कृषि कानून और किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई के दौरान चीफ़ जस्टिस ने मौजूदा परिस्थिति को निराशाजनक बताया है और कानूनों पर कुछ वक़्त के लिए रोक क्यों ना लगाया जाए ये सवाल अटर्नी जनरल से पूछा है।
विकास उपाध्याय ने कहा,मोदी सरकार को अब किसानों के हित को लेकर अपनी ज़िद छोड़ देनी चाहिए और तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर देनी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा,चूंकि इन कानूनों का सबसे पहले विरोध करने वालों में हमारे नेता राहुल गांधी थे यही वजह है कि मोदी सरकार ने इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया। जबकि केन्द्र सरकार को चाहिए था कि वह विपक्ष द्वारा सुझाये देश हित की बातों को गंभीरता से लेती न कि किसानों के साथ व्यक्तिगत दुश्मनी की तरह पेश आती।भाजपा की इस तरह की रणनीति सीधा-सीधा लोकतंत्र की हत्या करना जैसा है,जो ज्यादा समय तक नहीं चलने वाली। विकास उपाध्याय ने कहा,जो हाल अमेरिका में ट्रम्प का हुआ वही हाल भारत में मोदी का होने वाला है।

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