प्रदेश सरकार ने जमा नहीं किया एफसीआई में पिछले साल का 28 लाख मीटरिक टन चावल : भाजपा

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*0 नेता प्रतिपक्ष कौशिक का तीखा हमला : मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री लगातार झूठ बोलकर किसानों को धोखा दे रहे हैं*
*0 सोसाइटियों में रखे धान की कस्टम मिलिंग शुरू कर सोसाइटियों को ज़गह बनाकर धान ख़रीदी जारी रखे*

*रायपुर।* भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने पिछले साल अनुमति मिलने के बावजूद 28 लाख मीटरिक टन चावल एफसीआई में जमा नहीं कराया और मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री लगातार झूठ बोलकर किसानों के साथ खुली धोखाधड़ी करने पर आमादा हैं। श्री कौशिक ने कहा कि जब से कांग्रेस सत्ता में आयी है तब से ही उसकी मंशा स्पष्ट व सही नहीं है। जब भी किसानों के धान की ख़रीदी की बात आती है तो केवल भ्रम फैलाकर प्रदेश की सरकार अपनी ज़िम्मेदारियों से बचने की कोशिश करती है। श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार की बदनीयती और कुनीतियों के चलते आज पूरे प्रदेश में धान खरीदी बंद हो रही है। प्रदेश सरकार के पास बहानों और बयानों का ही सहारा है।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि पिछले समय जो धान ख़रीदने की अनुमति चावल के लिए केंद्र सरकार द्वारा दी गई, उसमें 28 लाख मीटरिक टन 30 सितंबर 2020 तक एफसीआई में जमा करने थे। राज्य सरकार यह चावल जमा करने में विफल रही है। सितंबर के बाद अक्टूबर और नवंबर तक प्रदेश सरकार ने समय मांगने के बाद अब प्रदेश सरकार दिसंबर तक का समय इसके लिए मांग रही है। इस प्रकार तीन बार समय वृद्धि हुई है और अभी भी प्रदेश सरकार 28 लाख मीटरिक टन चावल एफसीआई में जमा करने में विफल रही है। श्री कौशिक ने कहा कि अभी भी एफसीआई के गोदाम में 06 लाख मीटरिक टन चावल रखने के लिए ज़गह खाली है, किंतु इस सरकार ने आने वाले समय का रोना शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार का इस मामले में केंद्र सरकार पर मदद नहीं करने का आरोप लगाना मिथ्या प्रलाप है। प्रदेश सरकार ने धान ख़रीदी का काम ही एक माह विलंब से शुरू किया है, उसके चलते इसमें जो बात सामने आ रही है, सोसाइटियों को जाम करके रखा गया है और यह कहना कि सोसाइटियों में ज़गह नहीं है, किसानों का धान नहीं ख़रीदी जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि अभी भी सोसाइटियों में रखे धान की कस्टम मिलिंग शुरू करके सोसाइटियों को खाली रखे और धान ख़रीदी का काम जारी रखे, क्योंकि कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में 25 सौ रुपए में धान ख़रीदने का वादा किया था तो अब सरकार की साँस क्यों फूलने लगी है? श्री कौशिक ने कहा कि धान खरीदी को लेकर पूर्व में ही पुख़्ता इंतज़ाम कर लिए जाने चाहिए थे, लेकिन सरकार ने तैयारी के नाम पर कुछ भी नहीं किया। प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय एक नवम्बर से धान खरीदी शुरू हो जाती थी। श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश की सरकार इस मसले पर सियासत कर रही है। अगर सरकार की मंशा सही होती तो किसानों के साथ छलावा नहीं करती। जब पूरे प्रदेश के किसान धान बेचने केन्द्रों में जा रहे हैं तो धान की ख़रीदी नहीं की जा रही है। यह किसानों के साथ सरासर धोखा है। धान नहीं खरीदने से किसानों को काफी आर्थिक नुकसान होगा। भाजपा प्रदेश सरकार के इस रवैए की निंदा करती है। किसानों के हितों को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार को धान खरीदी जारी रखनी चाहिये। यही किसानों के हित में होगा।

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