सभी पात्र आदिवासी हितग्राहियों को वनाधिकार पट्टा दिया जायें- सुश्री मीना सिंह

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मो.शब्बीर ब्यूरो चीफ शहडोल


आदिम जाति, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री द्वारा निरस्त वनाधिकार पट्टो की समीक्षा


शहडोल 05 अगस्त 2020- मध्यप्रदेष शासन की आदिम जाति, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री एवं प्रभारी मंत्री शहडोल सुश्री मीना सिंह की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में निरस्त वनाधिकार पट्टो की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक मंे विधायक जयसिंहनगर श्री जयसिंह मरावी, विधायक जैतपुर श्रीमती मनीषा सिंह, विधायक ब्यौहारी श्री शरद कोल, कलेक्टर डाॅ0 सतेन्द्र सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, वनमण्डलाधिकारी उत्तर श्री देवांषु शेखर, उपायुक्त आदिम जाति कल्याण श्री जे0पी0 सरवटे, संयुक्त कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जयसिंहनगर श्री रमेष सिंह, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ब्यौहारी श्री पी0के0 पाण्डेय, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सोहागपुर श्री धर्मेन्द्र मिश्रा, सहायक आयुक्त आदिम कल्याण विभाग श्री आर0के0 श्रौती, समाजसेवी श्री कमल प्रपात सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
आयोजित समीक्षा बैठक में सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग शहडोल ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वन निवासी (वन अधिकारो की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 के अंतर्गत जिले में कुल 6705 दावे निरस्त किए गए, जिसमें 5121 अनुसूचित जाति तथा 1584 ओटीएफडी दावे निरस्त किए गए। इसी प्रकार एफआरसी द्वारा शहडोल कमेटी को 2905 दावे भेजे गये जिसमें एफआरसी द्वारा अनुशंसित अनुसूचित जनजाति मान्य दावो की संख्या 366, ओटीएफडी मान्य दावो की संख्या 31 एफआरसी द्वारा अनुषंसित अनुसूचित जाति अमान्य दावो की संख्या 1640 तथा अमान्य ओटीएफडी दावो की संख्या 868 एवं जिला स्तरीय समिति के पास अनुसूचित मान्य दावे 53 तथा अमान्य दावे 262 तथा जिला स्तरीय समिति से मान्य किए गए दावे 51 एवं जिला स्तरीय समिति द्वारा अमान्य किए गए दावो की संख्या 264 है।
बैठक में आदिम जाति, अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ने कहा कि ग्रामीण लोगो को वन विभाग के अमले द्वारा अनावष्यक रूप से रोजमर्रा के उपयोग हेतु वन का सहारा लेने पर परेषान न किया जायें, इसका भी ध्यान रखें। प्रभारी मंत्री ने वनाधिकार दावो के प्रकरणो की समीक्षा करते हुए कहा कि महुआ संग्रहण में आदिवासियों को किसी भी प्रकार की पाबंदी न लगायी जायें। प्रभारी मंत्री ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देष दिए कि वनाधिकार दावो एवं पट्टो की निरस्तीकरण की जानकारी संबंधित क्षेत्र के विधायको को भी दी जायें। प्रभारी मंत्री ने कहा कि 2005 के बाद काबिज पात्र आदिवासियों को वनाधिकार का पट्टा दिया जायें। यदि ग्राम के 70-80 वर्ष के 2 बुजुर्ग किसी आदिवासी की काबिज रहने की गवाही देते है तो उसे मान्य किया जायें। प्रभारी मंत्री विधायको द्वारा उठायें गये प्रकरणो का मौके स्थल पर निरीक्षण करने का निर्देष कलेक्टर एवं उपस्थित अधिकारियों को दिया। प्रभारी मंत्री ने वनमण्डाधिकारी को कहा कि वन मार्ग से गुजरने वाले ट्रेक्टर आदि को अनावष्यक जब्त आदि न किया जायें यदि किसी कारणवस जब्त किए जाते है तो शासन के दिषा-निर्देषो का पालन करते हुए एक समय सीमा तय कर उन्हें मुक्त किया जायें।
प्रभारी मंत्री ने बैठक मंे कहा कि सभी विधायको को भी वनाधिकार पट्टो की अपडेट जानकारी समय-समय पर दिया जायें साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा वनाधिकार पट्टो के वितरण के शुभांरभ के बाद हमारे विधायक भी अपने क्षेत्रो में वनधिकार पट्टो का वितरण कराना सुनिष्चित करेंगे।
बैठक में कलेक्टर डाॅ0 सतेन्द्र सिंह ने प्रभारी मंत्री को बताया कि एफआरसी द्वारा निरस्त प्रकरणो का वे स्वयं वन मण्डलाधिकारी के साथ स्थल पर जाकर निरीक्षण करते है और यथासंभव पात्र हितग्राही को वन अधिकार पट्टो के लिए चयनित किया जाता है। कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारी को निर्देषित किया कि वन अधिकार के निरस्त दावो की जानकारी संबंधित क्षेत्र के विधायक को भी देना सुनिष्चित करंे। साथ ही आवष्यता पड़ने पर विधायको को भी स्थल मुआयना करायें। कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देषित किया है कि जिन ग्राम पंचायतो एवं ग्रामो मंे वनाधिकार के पट्टे निरस्त किए गए है, वहाॅ संबंधित वन विभाग के अधिकारियों के साथ स्थल मुआयना करें, हर ग्राम के पृथक से जानकारी मय नक्षा एवं खसरा तथा

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