छत्तीसगढ़ में फ़िल्म पदमावती पर रोक लगाने की मांग को लेकर 18 नवम्बर को राजपूत समाज का महाआंदोलन

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JOGI EXPRESS

आंदोलन की रणनीति बनाने रायपुर में हुई बैठक प्रदेशभर के संगठन प्रमुख हुए शामिल

राजभवन,मुख्यमंत्री निवास तक पैदल मार्च कर लगायेंगे महारानी पदमावति की सम्मान बचाने की गुहार,प्रदेश भर के राजपूत होंगे धरना में शामिल

रायपुर/विवादस्पद फ़िल्म पदमावति का प्रदर्शन पर छत्तीसगढ़ में प्रतिबंध की मांग को लेकर प्रदेश भर के राजपूतो ने 18 नवम्बर को राजधानी रायपुर में महा आंदोलन करेगा।एक दिवसीय धरना के बाद राजभवन,मुख्यमंत्री निवास तक करेंगे पैदल मार्च प्रदेश भर के राजपूत होंगे शामिल।इसकी तैयारी को लेकर राजपूत क्षत्रिय महासभा छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष होरी सिंह डोंड के अध्यक्षता एवं अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा बीकानेर प्रदेश अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह जूदेव,अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष जया जूदेव,अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष अवधेश गौत्तम की उपस्थिति में राजपूत छात्रावास भवन कोटा में बैठक हुआ। बैठक की शुरुवात में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्र जी,राजपूत कुल गौरव वीर शिरोमणी महाराणा प्रताप जी की पूजा अर्चना की गई।
महासभा अध्यक्ष होरी सिंह डोंड ने बैठक में फ़िल्म निर्माता संजय लीला भंसाली द्वारा क्षत्रिय क्षत्राणियो का मान सम्मान को ठेस पहुचाने बनाये गये फ़िल्म के लिए निंदा प्रस्ताव रखा गया  बैठक में उपस्थित सभी ने एक स्वर में निंदा प्रस्ताव का समर्थन किया।फ़िल्म पद्मवत्ति में दिखाए गये दृश्यों को राजपूत कुल वधु पूज्यनीय सत्तीमाता महारानी पद्मवत्ति को अपमानित करने वाला बताया गया और इसके छत्तीसगढ़ में रिलीज पर रोक लगाने की मांग को 18 नवम्बर को सर्व राजपूत समाज द्वारा  धरना स्थल बूढ़ापारा में एक दिवसीय धरना का ऐलान किया गया।धरना के पश्चात बूढ़ापारा से राजभवन और मुख्यमंत्री निवास तक पैदल मार्च किया जायेगा एवं महामहीम राज्यपाल महोदय,माननीय मुख्यमंत्री की ज्ञापन दिया जायेगा ज्ञापन के माध्यम से फ़िल्म  पदमावति को छत्तीसगढ़ में दिखाये जाने पर प्रतिबन्ध की मांग कि जायेगी।महासभा  अध्यक्ष होरी सिंह डोंड ने कहा कि मातृभूमि की आन बान शान की रक्षा के लिये शीश कटाने वाले और दुश्मनों का शीश काटने वाले क्षत्रिय क्षत्राणियो से  इतिहास भरा हुआ है त्याग तपस्या और बलिदान राजपूतो का मूलमंत्र है महारानी पद्मवत्ति इसकी मूरत है  आज के नवजवानों को राजपूतो के गौरव शाली इतिहास के बारे में बताया जाना चाहिये औऱ इसका सबसे बेहतर माध्यम चलचित्र है लेकिन जिस प्रकार से फ़िल्म निर्माताओं के द्वारा पैसा कमाने की होड़ में इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर काल्पनिक कहानी के जरिये उलजुलु फिल्माकंन कर राजपूतो के बलिदान और त्याग को उपहास का पात्र बनाया जाता है ये घोर निंदनीय है!
उन्होंने संजय लीला भसाली के साथ फ़िल्म उद्योग से जुड़े सभी लोगो को चेतावनी देते हुये कहा कि भविष्य में अगर इतिहास पर आधारित फिल्मे बनाई जाये तो इस प्रकार का कुसित कार्य ना करने की हिदायत दी।उन्होंने छत्तीसगढ़ के सभी सिनेमाघर मालिको से फ़िल्म पदमावति का प्रदर्शन नही करने का अपील किया।बैठक में आनन्द वाहिनी के राष्ट्रीय महामंत्री सीमा तिवारी,राजपूत चेतना मचं अध्यक्ष शिवेंद्र सिंह परिहार,,राजपूत प्लायनर्स ग्रुप,युवा महासभा, करनी सेना,हिन्दू संगठन एवं विभिन्न राजनीतिक दल से जुड़े प्रतिनिधि एवं राजपूत क्षत्रिय महासभा उपाध्यक्ष रमेश सिंह ठाकुर,अशोक ठाकुर,सत्येंद्र ठाकुर, महेश ठाकुर अश्वनी लवायन, बजरंग सिंह बैंस अश्वनी राजपूत, प्रीतम सिंह ठाकुर संध्या राजपूत नीतू सिंह नीरज क्षत्रिय  कमलेश सिंह ठाकुर चमेली ठाकुर दिलीप सिंह ठाकुर रितेश सिंह ठाकुर धनंजय सिंह ठाकुर,वैभव सिंह,राज सिंह हाड़ा, प्रकाश कलचुरी,विक्रम ठाकुर,देववती चंदेल मनमोहन सिंह ठाकुर दिनेश सिंह ठाकुर राजेंद्र परमार प्रदीप नंदनवन अमित राजपूत सुनील ठाकुर पवन सिंह ठाकुर अशोक परिहार,नवीन राजपूत,एवं विभिन्न राजपूत संगठन के प्रतिनिधि शामिल हुये।

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