क्या नोट बंदी का जवाब पत्थर से देना उचित :सत्यनारायण शर्मा

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पुलिस  को अब खाकी वर्दी छोड़कर भगवा गमछा डाल लेना चाहिए.:किरणमयी नायक 

JOGI EXPRESS

रायपुर कल  गुढ़ियारी में हुई पत्थरबाजी के मामले में कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आरोप लगाया की हम शांति पूर्ण ढंग से  नोट  बंदी का विरोध प्रदेश भर में कर रहे थे ,लेकिन कल की घटना  हुई प्रयोजित पत्थर बाजी में हमारे कई साथी घायल हुए ,क्या नोट बंदी का जवाब पत्थर से देना उचित है ,कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि बुधवार को भाजपा की साज़िश का पर्दाफाश हो गया. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने छत के ऊपर से पत्थर फेंके. पहले से उन्होंने पत्थर भरकर बोरे में रखे थे. उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस की रिपोर्ट पुलिस ने दर्ज ना करके एकतरफा कार्रवाई की. पुलिस ने इस घटना को टालने की कोशिश नहीं की. पुलिस ने भाजपाईयों को हमला करने का पूरा मौका दिया.सत्यनारायण शर्मा ने इस मामले में सरकार से जवाब मांगा है. उन्होंने पूछा है कि सरकार ने घटना को रोकने की कोशिश क्यों नहीं की और बीजेपी के बड़े नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं को समझाया क्यों नहीं.प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व विधायक धनेंद्र साहू ने कहा कि भाजपाईयों ने सुनियोजित तरीके से हमला किया. उन्होंने पुलिस के संरक्षण में कांग्रेसियों पर हमला करने का आरोप लगाते कहा कि ये विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश है. उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि पुलिस दबाव में थी. धनेंद्र साहू ने कहा कि पुलिस की भूमिका की जांच होनी चाहिए.रायपुर की पूर्व मेयर किरणमयी नायक ने कहा कि पुलिस को अब खाकी वर्दी छोड़कर भगवा गमछा डाल लेना चाहिए. फिर पुलिस भगवा पहनकर कांग्रेस से दो-दो हाथ करने आ जाए. उन्होंने पुलिस के व्यवहार को गुंडागर्दी वाला बताया है.वहीं शहर अध्यक्ष विकास उपाध्याय ने फिर कहा है कि उन्होंने प्रदर्शन की अनुमति पुलिस से ली थी. इस बात की सूचना गुढ़ियारी थाने को भी थी. जबकि बीजेपी को बिना अनुमति के वहां इकट्ठा होने दिया गया. उन्होंने घटनास्थल पर पुलिस की कमान संभालने वाले एएसपी विजय अग्रवाल की कॉल डिटेल की जांच की मांग की,वही काग्रेसी नेताओ ने कहा की पुलिस बार बार बीजे पी के कार्यकर्ताओ को बस में बिठाने का नाटक कर रही थी ,और उन्हें खुला मौका दे रही थी पत्थर चलने का ,यदि पुलिस चाहती तो एस घटना को रोका जा सकता था ,यदि उन्हें विरोध ही करना था तो हमरा कार्यक्रम ख़त्म होने के बाद हमारे ही मंच से वो अपनी बात कह सकते थे ,हम उनका भरपूर सहयोग करते ,लेकिन उन्होंने ऐय्षा नहीं किया

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