मुंगेली : आंगनबाडी के बच्चों के समग्र विकास के लिए ‘सजग कार्यक्रम और ‘चकमक अभियान प्रारंभ

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आंगनबाडी केंद्रो के बच्चों मे प्यार दुलार और अपनापन जगाने के लिए डिजिटल प्लान की शुरूआत

बच्चों को वाॅल पेंटिग, अनौपचारिक शिक्षा और राज्य शासन द्वारा तैयार की गई फिल्म दिखाई जा रही है

मुंगेली:प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा विगत दिनों आंगनबाडी केंद्रो के बच्चो के सर्वांगीण विकास के लिए सजग कार्यक्रम एवं चकमक अभियान प्रारंभ किया गया है। इस अभियान के तहत बच्चो को रचनात्मक गतिविधियों मेे व्यस्त रखकर उन्हे परिस्थितियों में ढालने एवं सम्हालने बच्चो के समय का सदुपयोग करने और उन्हे ंअच्छी बातें सिखाई जा रही है । जिले मे इस कार्यक्रम को आंगनबाडी कार्यकर्ता के मोबाईल पर आडियो मेसेज छत्तीसगढ़ी बाल गीतो और आकर्षक काॅर्टून विडियो पर आधारित अध्ययन सामग्री दिखाई जा रही है। जो बच्चो के लिए बहुत ही आकर्षक और उपयोगी है।

नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिए जिले मे संचालित सभी आंगनबाडी केंद्र को बंद किया गया है। बंद होने के कारण आंगनबाडी केंद्र के बच्चे अभिभावकों के साथ अपने घर मे ही समय बिता रहे है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के सार्थक पहल पर आंगनबाडी केंद्र के बच्चों में प्यार, दुलार, स्नेह और अपनापन जगाने के लिए डिजिटल प्लान की शुरूआत की गई है। इस अभियान की शुरूआत युनिसेफ के सहयोग से किया गया है। जिला महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री राजेन्द्र कश्यप ने आज यहां बताया कि आंगनबाडी केंद्र के बच्चों के लिए युनिसेफ के सहयोग से शुरू की गई डिजिटल प्लान का संपूर्ण कार्यक्रम डिजिटल मोड पर आधारित है।

वर्तमान मे सजग अभियान के माध्यम से बच्चो एवं अभिभावको को प्रेरित कर बच्चों के अपनापन, स्नेह, दुलार सहहृदयता जगा कर उनमे कोरोना से उपजे तनाव एवं विचलन को सामान्य किया जा रहा है, ताकि बच्चों की सारी दुनिया अभिभावकों मे समाहित हो सके। उन्होने बताया कि इस सजग अभियान के तहत बच्चों को वाॅल पेंटिग, अनौपचारिक शिक्षा और राज्य शासन द्वारा तैयार की गई फिल्म दिखाई जा रही है। बच्चो के आकर्षक विडियो पर आधारित छत्तीसगढ़ी बाल गीत तथा अन्य गतिविधियां आंगनबाडी कार्यकर्ता के माध्यम से करायी जा रही है, जो बच्चों को आकर्षित कर रही है ।

आंगनबाडी कार्यकताओं द्वारा बच्चों एवं अभिभावको को सोशल डिस्टेंश का पालन करने और सेनेटाईजन का उपयोग करते हुए बार-बार हाथ धोने तथा मास्क लगाने की शिक्षा दी जा रही है। ऐसे अभिभावक जिनके पास एन्ड्राइड फोन नही है उन्हे गृह भेंट के दौरान मोबाईल के माध्यम से बच्चो के सामने विभिन्न गतिविधियो का प्रदर्शन किया जा रहा है। राज्य शासन के निर्देशानुसार हितग्राहियों महिलाओं और पंजीकृत बच्चों को आंगनबाडी कार्यकर्ता द्वारा सूखा राशन प्रदान किया जा रहा है।

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