स्‍वास्‍थ्‍य सचिव ने नॉन-कोविड की गतिविधियों को संचालित करने कलेक्‍टरों को दिए निर्देश

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रायपुर, 30 अप्रेल 2020। राज्य सरकार ने नॉन कोविड स्वास्थय सेवाओं को संचालित रखने के लिए कहा है। स्‍वास्‍थ्‍य सचिव  सुश्री निहारिका बारीक़ सिंह ने जिला कलेक्टरों को पत्र लिख कर कहा है क्‍वारेंटाईन सेंटर्स में चिकित्‍सकों तथा अन्‍य आवश्‍यक स्‍वास्‍थ्‍य सेवा प्रदान करने वाले स्‍टॉफ की पूर्णकालिक ड्यूटी नहीं लगायी जाएताकि अन्‍य नॉन-कोविड स्‍वास्‍थ्‍य सेवायें भी कोविड के साथ-साथ चलती रहे।

कोविड-19 के लिए क्‍वारेंटाईन सेंटरों में चिकित्‍सकों के विजिट के लिए समय निर्धारित किया जाये। आवश्‍यकतानुसार आकस्मिक परिस्थिति में चिकित्‍सकों की ड्यूटी लगायी जाये ताकि अन्‍य समय वे नॉन- कोविड स्‍वास्‍थ्‍य गतिविधियों में दे सकें, पत्र में कहा गया है।

छत्‍तीसगढ शासन द्वारा कोरोना वायरस को सम्‍पूर्ण राज्‍य में संक्रामक रोग घोषित किया गया है। वर्तमान में कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए उसके रोकथाम, बचाव एवं प्रबंधन के लिए सतत कार्यवाही की जा रही है। इसी परिप्रेक्ष्‍य में राज्‍य एवं जिला स्‍तर पर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अधिकांश चिकित्‍सकों एवं अन्‍य स्‍टॉफ की ड्यूटी लगायी गयी है। जिलों में क्‍वारेंटाईन सेंटरों का संचालन एवं क्रियान्‍वयन जिला प्रशासन द्वारा स्‍वास्‍थ्‍य विभाग से जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए किया जावे।

स्‍वास्‍थ्‍य सचिव ने कलेक्‍टारों से कहा है नॉन-कोविड के अंतर्गत सभी स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रमों व योजनाओं की कार्यवाही करते हुए स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं को सुचारु रुप से क्रियान्‍वित किया जाए। स्‍वास्‍थ्‍य सचिव सुश्रीबारिक ने स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं संचालक, राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन के मिशन संचालक, सभी मेडिकल कॉलेज व जिलों के सीएमएचओ को पत्र जारी किया है। कोरोना संक्रमण की वजह से अस्‍पतालों में अन्‍य मरीजों का अस्‍पताल में इलाज नहीं होने से लोगों को दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा था। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की ओर जारी निर्देश से बीमार लोगों को अस्‍पतालों में जरुरी सेवाएं उपलब्‍ध कराने में दिक्‍कते नहीं होगी।

स्‍वास्‍थ्‍य सचिव ने निर्देश में जारी करते हुए कहा है- कोविड-19 के संक्रमण को रोकने एवं बचाव कार्य में स्‍वास्‍थ्‍य अमला द्वारा सर्व-प्राथमिकता दिया जाए। कोरोना वायरस महामारी में स्‍वास्‍थ्‍य अमला के लगे होने से नॉन- कोविड स्‍वास्‍थ्‍य गतिविधियों जैसे मातृत्‍व एवं शिशु स्‍वास्‍थ्‍य, टीकाकरण, संस्‍थागत प्रसव, अन्‍य संचारी रोगों-टीबी कार्यक्रम, एड्स नियंत्रण कार्यक्रम, गैर संचारी रोंगों के रोकथाम, डायलिसीस सेवा, स्‍वैच्छिक रक्‍तदान, आपात कालीन चिकित्‍सा सेवायें एवं अन्‍य महत्‍वपूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य सेवायें प्रभावित हो रहे हैं, जो उचित नहीं है।

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