रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कोविड-19 से निपटने के रक्षा मंत्रालय के प्रयासों की समीक्षा की

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नई दिल्ली : रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने मंत्रालय एवं इसके विभिन्न घटकों द्वारा कोविड-19 से निपटने के लिए किये जा रहे कारगर उपाओं की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की। रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, नौ सेना अध्यक्ष एडमिरल कर्मबीर सिंह, वायु सेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया, थल सेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे, रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार, सचिव (रक्षा उत्पादन) श्री राज कुमार, सचिव ( पूर्व सैनिक कल्याण) श्रीमती संजीवनी कुट्टी, सचिव ( रक्षा वित्त) श्रीमती गार्गी कौल, सचिव आर एंड डी रक्षा विभाग एवं रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी, महानिदेशक भारतीय तटरक्षक श्री कृष्णास्वामी नटराजन, महानिदेशक सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाएं (एएफएमएस) लैफ्टिनेंट जनरल अनुप बैनर्जी, रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के प्रमुख (डीपीएसयूएस) और अन्य वरिष्ठ सिविल तथा सैन्य अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस बैठक में भाग लिया।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने विभिन्न सर्विसिज, संगठनों और डीपीएसयूएज द्वारा स्थल खाली करवाने के कार्य, क्वारंटाइन स्थलों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने और चिकित्सा अनुसंधान एवं अन्य उत्पादनों, सैनिटाइजर, फेश मास्क और वैयक्तिक सुरक्षा के उपकरण (पीपीई) के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।उन्होंने संकट की इस घड़ी में सभी संगठनों को अपने प्रयासों को दोगुना करने और केंद्र सरकार के अन्य मंत्रालयों/संगठनों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया।

रक्षा प्रमुख अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने श्री राजनाथ सिंह को बताया कि कोविड-19 से लड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अलग से अस्पताल चिन्हित किए गए हैं और अस्पतालों में 9,000 से ज्यादा बेड उपलब्ध करवाए गए हैं। जैसलमेर, जोधपुर, चेन्नई , मानेसर, हिंडन और मुंबई में 1,000 से ज्यादा निष्क्रांतो को क्वारंटाइन किया गया है। उनकी क्वारंटाइन की अवधि 07 अप्रैल 2020 तक है।

नौ सेना अध्यक्ष जनरल कर्मबीर सिंह ने रक्षा मंत्री को बताया कि किसी भी प्रकार की आवश्यक सहायता करने के लिए नौसेना के जहाज तैयार स्थिति में रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि नौसेना स्थानीय सिविल प्रशासन को आवश्यक सहायता प्रदान कर रही है।

वायु सेना के अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने बताया कि पिछले पांच दिनों में देश के अंदर लगभग 25 टन चिकित्सा आपूर्ति करने के लिए वायु सेना के जहाजों ने कई उड़ान भरे हैं। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक सावधानियाँ सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक संक्रियात्मक कार्य भी जारी हैं।

थलसेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे ने रक्षा मंत्री को बताया कि आवश्यकता पड़ने पर सिविल प्रशासन को 8,500 से ज्यादा डॉक्टर और सहायक स्टाफ प्रदान कराये जा सकते हैं। श्री राजनाथ सिंह के पड़ोसी देशों को सहायता प्रदान करने के निर्देश की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर नेपाल को चिकित्सा उपकरणों की सहायता शीध्र प्रदान की जा सकती है।

रक्षा आर एंड डी विभाग के सचिव और डीओरडीओ के अध्यक्ष डॉ सतीश रेड्डी ने रक्षा मंत्री को बताया कि दिल्ली पुलिस सहित सुरक्षा संस्थानों को डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं में निर्मित 50,000 लिटर से ज्यादा सेनेटाइजर की आपूर्ति की गई और इसके अलावा एक लाख लिटर से ज्यादा सेनेटाइजर की आपूर्ति पूरे देश में गई। उन्होंने कहा कि वार फुटिंग में पांच लेयर वाला नैनो तकनीक से बना फेश मास्क एन99 बनाया जा रहा है। एक हजार बना लिए गए हैं और शीघ्र ही प्रतिदिन के हिसाब से 20,000 फेश मास्क बनाए जाएंगे। डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं ने दिल्ली पुलिस को इनके अतिरिक्त 40,000 फेश मास्क की आपूर्ति की है। सचिवों के सशक्त समूह के सदस्य होने के नाते डीआरडीओ के सचिव चिकित्सा उपरकरणों के संबंध में स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ गहन तालमेल से काम कर रहे हैं। डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं ने प्रतिदिन के हिसाब से 20,000 से ज्यादा पीपीई बनाने का भी प्रबंध किया है। डीआरडीओ वैंटिलेटर में कुछ सुधार करने के कार्य में भी लगा हुआ है ताकि एक मशीन एक साथ चार मरीजों को संभाल सके।

महानिदेशक एएफएमएस लैफ्टिनेंट जनरल अनुप बैनर्जी ने रक्षा मंत्री को बताया कि आवश्यक उपकरण मंगवाए गए हैं और विभिन्न अस्पतालों में भेज दिए गए हैं। सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मियों को भी स्वैच्छिक सेवा करने के लिए तैयार किया गया है। राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के लगभग 25,000 कैडेटों को आवश्यक स्थानीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार किया जा रहा है।

विभिन्न डीपीएसयूज जैसे कि हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटिड (एचएएल), भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटिड (बीईएल), मिश्र धातु निगम लिमिटिड (मिधानी), भारत अर्थ मुवर्स लिमिटिड (बीईएमएल), हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटिड (एचएसएल), गोवा शिपयार्ड लिमिटिड (जीएसएल) ने 40 करोड़ की अपनी कोर्पोरोट सोशल रिस्पोंसिब्लिटी (सीएसआर) की राशि आपात स्थिति में प्रधानमंत्री (राहत कोष) नागरिक सहायता और राहत निधि में योगदान दिया है। इसके अलावा इन सभी ने अपने सभी कार्मिकों का एक दिन का वेतन भी प्रधानमंत्री राहत कोष में दिया है। रक्षा मंत्री के निर्देशों का पालन करते हुए डीपीएसयूज ने अपने सभी दैनिक वेतन भोगियों और अनुबंधित कर्मचारियों को वेतन की अदायगी की है।

आयुध निर्माणि बोर्ड (ओएफबी) भी हैंड सेनेटाइजर, फेश मास्क और पीपीई बनाने के कार्य में लगी हुई है।

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