काली पोशाक पहन विपक्ष ने जताया धान खरीदी बंद पर विरोध

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रायपुर
विधानसभा में धान खरीदी पर विपक्षी सदस्य काली पोशाक पहनकर आये और सदन में  पूरे मामले को लेकर काम रोको प्रस्ताव पर तत्काल चर्चा किए जाने की मांग की।  इस दौरान सत्ता और विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आसंदी से काम रोको प्रस्ताव स्वीकार कर चर्चा कराने का आग्रह किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पोल खुलने के डर से विपक्ष चर्चा से भागना चाहता है। इस दौरान नगरीय प्रशासन मंत्री की टिप्पणी पर विपक्षी सदस्य भडक गए और माफी मांगने पर जोर देने लगे। शोर-शराबे और हंगामे के चलते सदन की कार्रवाई 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

प्रश्नकाल के तुरंत बाद पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि धान खरीदी बंद होने से पूरे प्रदेश के किसान आंदोलित हैं। किसानों ने आत्महत्या की अनुमति भी मांगी है। जिनके बूते पर सरकार बनी हैं और उन्हें ही प्रताड़ित किया जा रहा है।  अग्रवाल के साथ-साथ अन्य विपक्षी सदस्य ननकीराम कंवर, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा भी खड़े हो गए। उन्होंने काम रोको प्रस्ताव पर तुरंत चर्चा कराने की मांग की है। कांग्रेस के सदस्य भी खड़े हो गए और उन्होंने विपक्षी सदस्यों पर घडिय़ाली आंसू बहाने का आरोप लगा दिया। दोनों पक्षों के सदस्यों के बीच तीखी तकरार हुई। संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि सरकार पूरे विषय पर चर्चा कराना चाहती है। इसी बीच नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया की विपक्षी सदस्यों पर कथित टिप्पणी से मामला और गरमा गया।

पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और अन्य सदस्यों ने तुरंत मंत्री से माफी मांगने के लिए कहा। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने सफाई दी कि उन्होंने किसी सदस्य के खिलाफ टिप्पणी नहीं की है। मगर विपक्षी सदस्य शांत नहीं हुए। शोर-शराबा और हंगामा चलते रहा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने दोनों पक्षों के सदस्यों को शांत रहने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्षी सदस्यों के व्यवहार पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि सरकार स्थगन प्रस्ताव स्वीकार कर चर्चा चाहती है, लेकिन विपक्ष चर्चा में भाग नहीं लेना चाहता।

उन्होंने कहा कि अगर चर्चा में भाग लेंगे, तो विपक्ष की कलई खुल जाएगी। इसलिए वे हंगामा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यहां तक कह दिया कि विपक्षी सदस्य चर्चा से भागने का बहाना ढूंढ रही हैं। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि दंतेवाड़ा से लेकर केशकाल और अन्य जगहों पर किसान आंदोलित हैं। जबकि सरकार के जवाबदार मंत्री विपक्षी सदस्यों को कोचिया बता रहे हैं। यह अपमानजनक है। उन्होंने कहा कि जब तक मंत्री माफी नहीं मांगते, सदन की कार्रवाई नहीं चल सकती। शोर-शराबे और हंगामे के कारण सदन की कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। दोबारा कार्रवाई शुरू होने पर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि विपक्षी सदस्यों के खिलाफ टिप्पणी करने वाले मंत्री का बहिष्कार किया जाएगा। उनसे सवाल नहीं किए जाएंगे। बाद में चर्चा शुरू हुई और भाजपा सदस्य श्री चंद्राकर ने धान खरीदी में अव्यवस्था को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को पत्र लिखकर नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया के विभागों में चर्चा का बहिष्कार करने की जानकारी दी। डॉ. डहरिया ने विपक्षी सदस्यों पर टिप्पणी की थी। सदन में भाजपा ने माफी मांगने की मांग की थी। हालांकि डहरिया की सफाई देने के बावजूद भाजपा सदस्य  माफी मांगने के लिए अड़े हुए हैं।

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