CAA: दिल्ली के जाफराबाद में सड़क पर बैठीं महिलाएं, भारी फोर्स तैनात

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नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पूर्वोत्तर दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास लगभग 500 लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया है. शनिवार रात शुरू हुआ यह प्रदर्शन रविवार को भी जारी है. प्रदर्शन मेट्रो स्टेशन के ठीक बगल में चल रहा है, इसलिए दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों ने रविवार को लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी. यहां मेट्रो का स्टॉपेज भी रोक दिया गया है. विरोध प्रदर्शन शनिवार रात से शुरू हुआ, जिससे सीलमपुर को मौजपुर और यमुना विहार से जोड़ने वाला रास्ता बंद हो गया. लोगों को परेशानी न हो या कोई अप्रिय घटना सामने न आए, इसे देखते हुए प्रशासन ने भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की है.

बता दें, प्रदर्शनकारियों ने सीलमपुर को मौजपुर और यमुना विहार से जोड़ने वाले मार्ग संख्या 66 को बंद कर दिया है. स्थिति को भांपते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई जो स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं. रविवार को सुरक्षा बलों को भी मौके पर तैनात कर दिया गया. प्रदर्शनकारियों ने हालांकि दावा किया कि मौके पर एक भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि यह नए नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ आंदोलन को और तेज करने के लिए है.

एक प्रदर्शनकारी शादाब ने कहा, यह प्रदर्शन सीएए, एनआरसी के खिलाफ और दलितों को आरक्षण की मांग के लिए है. आंदोलन की अगुआई महिलाएं कर रही हैं और पुरुष सिर्फ उनका सहयोग कर रहे हैं. प्रदर्शनकारी ने कहा, विरोध प्रदर्शन के तहत हमने सड़क बंद कर दी है और केंद्र जबतक यह कठोर कानून वापस नहीं ले लेता तबतक हम यहां से नहीं जाएंगे. यहां कई महिलाएं हाथों में तिरंगा लिए दिखीं जिनकी मांग है कि सरकार सीएए वापस ले, अन्यथा वे सड़क पर प्रदर्शन जारी रखेंगे. प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर एंट्री और एक्जिट बंद कर दिया है.

बुशरा नाम की एक महिला ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, जब तक सीएए को निरस्त नहीं किया जाता, तब तक प्रदर्शनकारी साइट को नहीं छोड़ेंगे. एक सामाजिक कार्यकर्ता फहीम बेग ने कहा कि सरकार जिस तरह से इस मुद्दे को संभाल रही है, उसके खिलाफ लोगों में आक्रोश है. जाफराबाद से सटे सीलमपुर और करदमपुरी इलाके में पहले से ही एक प्रदर्शन चल रहा है. जाफराबाद में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन उस वक्त सामने आया है, जब शाहीन बाग में पिछले दो महीने से भी ज्यादा वक्त से प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग मुद्दे  को निपटाने के लिए कुछ मध्यस्थ भी नियुक्त किए हैं जो वहां जाकर प्रदर्शनकारियों से सुलह की बात करते हैं.

शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों से सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वार्ताकार साधना रामचंद्रन की चौथे दिन की बातचीत भी बेनतीजा रही. इससे पहले लगातार चौथे दिन शनिवार सुबह वार्ताकार रामचंद्रन यहां पहुंचीं और उन्होंने प्रदर्शनकारियों को रास्ता खोलने के लिए समझाया. प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकार के समक्ष सात मांगें रखते हुए कहा कि जब तक सीएए वापस नहीं लिया जाता, तब तक रास्ते को खाली नहीं किया जाएगा. हालांकि बाद में प्रदर्शनकारियों ने नोएडा-फरीदाबाद जाने वाला एक छोटा रास्ता खोल दिया जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिली है.

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