अपराधियों को जल्‍द सजा दिलाने के लिए योगी सरकार ने बनाई समिति, कानून मंत्री होंगे अध्यक्ष

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लखनऊ
कानून व्यवस्था (Law and Order) को बेहतर बनाने के लिए ज़रूरी है कि अपराधियों पर लगाम लगाते हुए उन्हें सख़्त से सख़्त सजा दी जाए. इसके लिए प्रदेश सरकार (Yogi Government) ने एक बड़ा क़दम उठाया है. जनता को सस्ता, सुलभ और जल्द न्याय दिलाने के लिए क़ानून मंत्री ब्रजेश पाठक की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति बनायी गई है. साथ ही समिति को जल्द से जल्द अपनी संस्तुतियां देने को कहा गया है.

उत्‍तर प्रदेश में वादियों की संख्या बढ़ने और मुकदमों के निस्तारण में हो रही देरी से परेशानी बढ़ रही है. इसको लेकर सरकार गंभीर है. बता दें कि फ़िलहाल प्रदेश में क़रीब 40 लाख मुकदमे लंबित हैं. कारण चाहे जो भी हो, लेकिन न्याय में देर होना भी अन्याय के जैसा ही है, जिसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने यह कदम उठाया है. सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फ़ैसला लिया गया है कि लोगों को न्याय देने के लिए एक समिति बनायी जाएगी. आम लोगों को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए क्या-क्या क़दम उठाए जा सकते हैं, इसका अध्ययन करके रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है. समिति न्याय से संबंधित सभी बिंदुओं पर चर्चा कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी जो मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपी जाएगी.

समिति की अध्यक्षता ख़ुद क़ानून मंत्री करेंगे और इस समिति में प्रमुख सचिव (विधानसभा) प्रदीप दुबे, प्रमुख सचिव (विधानपरिषद) राजेश सिंह, प्रमुख सचिव (न्याय) जेपी सिंह और हाईकोर्ट लखनऊ खंडपीठ के लिए अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता शामिल हैं. प्रमुख सचिव (न्याय) को समिति का सचिव बनाया गया है.

न्याय समिति की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने सरकार के कदम को ऐतिहासिक बताते हुए जल्द ही इस पर काम शुरू करने की बात कही है. ब्रजेश पाठक ने यह भी कहा है कि प्रदेश में लंबित मामलों को लेकर सरकार बेहद गंभीर है. कई बार दोनों पक्षों में से किसी एक पक्ष के भी उपस्थित न होने पर एक छोटा सा मामला सालों तक चलता रहा है, जिसकी वजह से लंबित मामलों की संख्या लाखों में पहुंंच गई है और गंभीर मामलों के अपराधी भी तारीख का सहारा लेकर कानून की पकड़ से दूर हो जाते हैं. समिति हर बिंदु पर विचार करेगी, जिसमें समय से लेकर मामले की गंभीरता को प्राथमिकता दी जाएगी. हर पहलू पर विचार करने के बाद रिपोर्ट तैयार कर सीएम को सौंपा जाएगा. हमें उम्मीद है इस पहल से न सिर्फ मामलों के निपटारे में तेजी आएगी, बल्कि न्याय का रास्ता और भी ज्यादा सुलभ और त्वरित हो जाएगा.

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