नेहरू का जिक्र कर मनमोहन ने BJP पर मारा तंज, ‘राष्ट्रवाद’ का हो रहा गलत इस्तेमाल

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नई दिल्ली

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू के कार्यों व भाषणों का जिक्र करते हुए बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद और 'भारत माता की जय' के नारे का इस्तेमाल 'भारत की उग्र व विशुद्ध भावनात्मक छवि' गढ़ने में गलत रूप से किया जा रहा है जो लाखों नागरिकों को अलग कर देता है । राजधानी दिल्ली में एक बुक लॉन्च के दौरान मनमोहन सिंह ने कहा कि अगर आज भारत को जोशीले लोकतंत्र के समुदाय में गिना जाता है और यह विश्व की एक बड़ी शक्ति माना जाता है, तो वह देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू थे जिन्हें इसका मुख्य निर्माता माना जाना चाहिए।

 अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने कहा कि नेहरू ने देश का नेतृत्व ऐसे समय में किया था जब वह अस्थिरता के दौर से गुजर रहा था, जब इसने जीवन के लोकतांत्रिक तरीके, अलग-अलग सामाजिक व राजनीतिक विचारों को अपनाया था। उन्होंने कहा, 'बहुभाषी नेहरू ने अनोखे तरीके से आधुनिक भारत के विश्वविद्यालयों, अकादिमक संस्थान और सांस्कृतिक संस्थान की नींव रखी थी।'
 
पुरुषोत्तम अग्रवाल और राधा कृष्णा की किताब 'हू इज भारत माता' की लॉन्चिंग पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनमोहन ने आगे बीजेपी पर तंज मारते हुए कहा, 'लेकिन देश के एक तबके के पास दुर्भाग्यवश न तो इतिहास पढ़ने का धैर्य है या फिर वे अपने पूर्वाग्रह के अनुसार चलते हैं। नेहरू की छवि गलत रूप से दिखाने की कोशिश करते हैं। लेकिन मुझे भरोसा है, इतिहास में झूठ को नकारने की क्षमता है और हर चीज सही परिप्रेक्ष्य में रखने की क्षमता है।'

इस किताब में नेहरू की बायोग्रफी 'ग्लिम्प्सेज ऑफ वर्ल्ड हिस्ट्री' और 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' के अंशों, उनके भाषणों, लेखों और चिट्ठियों को शामिल किया गया है। मनमोहन ने किताब के परिप्रेक्ष्य में कहा, 'यह किताब विशेष रूप से प्रासंगिक है जब राष्ट्रवाद और भारत माता की जय के नारे का इस्तेमाल देश के उग्र व विशुद्ध भावनात्मक छवि गढ़ने में गलत इस्तेमाल किया जा रहा है जो कि लाखों नागरिकों को इससे अलग करता है।'

मनमोहन ने नेहरू का जिक्र करते हुए कहा, उन्होंने पूछा था, 'भारत माता कौन है?, किसकी जीत आप चाहते हैं?' पहाड़ों व नदियों, जंगलों और खेतों सभी के लिए प्यारे हैं, लेकिन जिन्हें वास्तव में गिना जाता है वे देश के लोग हैं, जो कि विशाल भूमि में हर तरफ फैले हुए हैं।'

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