चुनाव खत्म होते ही राज्य सरकार के खिलाफ हल्लाबोल, इन संगठनों ने खोला मोर्चा

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रायपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में चुनाव (Election) खत्म होते ही राज्य सरकार के खिलाफ धरना और विरोध प्रदर्शन का दौर शुरु हो गया है. प्रदेश में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ (Employees Union) ने सभी जिला मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन (Protestsur) किया. राज्य सरकार से अपनी मांगों का ज्ञापन सभी जिला मुख्यालयों में कलेक्टरों को सौंपा गया है. हालत ये है कि प्रदेश के अब अलग-अलग संगठनों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया हैं. प्रदेश के तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. भूपेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के कर्मचारी जिला मुख्यालय में पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया.

तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री विजय झा का कहना है कि सरकार ने हमारे मंच से कहा था कि इस साल किसानों को बोनस दिया है. आने वाले साल में कमर्चारियों को देंगे. साल बीत गया है, लेकिन सरकार ने हमारी खबर तक नहीं ली. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि बजट सत्र में हमारे लिए 5 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाए. अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो हम बजट सत्र में प्रदर्शन करेंगे. इन्हीं मांगों को लेकर कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है.

विधानसभा चुनाव 2018 दौरान प्रदेश कांग्रेस के घोषणा पत्र में वादा किया गया था कि सरकार बनने पर सभी अधिकारी-कर्मचारियों को सेवा काल में चार स्तरीय उच्चतर समयमान वेतन दिया जाएगा और अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा. घोषणा पत्र में किए वादों को पूरा करने के लिए सरकार बनने के 1 साल बाद भी गंभीरतापूर्वक विचार नहीं किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश और असंतोष बढ़ता जा रहा है.

वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ महिला पुरुष मध्यान्ह भोजन रसोइया संघ के कर्मचारियों ने भी राज्य सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है. संघ के प्रांताध्यक्ष जगत राम ठाकुर और सदस्या फुलो नायक का कहना है  कि जितना उन्हें वेतन दिया जा रहे है उससे उनका गुजारा नहीं हो रहा है. इसलिए सभी प्रदेश भर के रसोइया राज्य सरकार से मांग करते है कि हमारा वेतन बढ़ाया जाए. उनका कहना है कि मध्यान्ह भोजन बनाने वालों को राज्य सरकार हर महीने 1200 रुपये देती है, जो एक परिवार के लिए काफी नहीं है.

राज्य सरकार पर छत्तीसगढ़ नागरिक अधिकार समिति के प्रदेश अध्यक्ष शुभम साहू ने आरोप लगाते हुए बताया कि जब कांग्रेस सरकार सत्ता से बाहर थी, तो हम लोगों से समर्थन मांगा था. लेकिन सरकार बनने के बाद राज्य सरकार अपना वादा भूल गई है. उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश के 20 लाख निवेशकों के भुगतान और सवा लाख अनियमित कर्मियों के नियमितीकरण की मांग की है. साथ ही चिटफंड कंपनियों  द्धारा प्रदेश से करीब 50 हजार करोड़ रुपये का गबन किया गया है, जिसका हिसाब अभी तक नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि निवेशकों के भुगतान के लिए अभी तक कोई ठोक कदम राज्य सरकार की तरफ से नहीं उठाए गया है.

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