कोरोना संकट में दिखी भारतीय बाजार की मजबूती

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नई दिल्ली
कोरोना वाइरस से चीन में अब तक 2200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पूरी दुनिया में करीब 74 हजार लोग संक्रमित बताए जा रहे हैं। इस वाइरस के कारण चीन की अर्थव्यवस्था ठहर सी गई है जिसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी साफ-साफ दिख रहा है। भारत समेत तमाम देशों में डिमांड और सप्लाई चेन पर इसका असर हुआ है।

अब तक बाजार बहुत ज्यादा असर नहीं
हालांकि इकनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय बाजार अब तक कोरोना के असर से बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ है। 31 दिसंबर को कोरोना की पुष्टि हुई थी जिसके बाद से भारत के शेयर बाजार पर आंशिक असर पड़ा है। वहीं दूसरे एशियाई देशों पर इसका असर व्यापक है। रुपये में 0.40 फीसदी की गिरावट आई है, हालांकि दूसरे एशियाई करेंसी के मुकाबले रुपये ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

अमेरिका और फ्रांस के शेयर मार्केट में दिखी तेजी
शेयर मार्केट के प्रदर्शन पर गौर करें तो 31 दिसंबर के मुकाबले जर्मनी, अमेरिका और फ्रांस के शेयर मार्केट में तेजी रही। उसके बाद सबसे कम -0.20 फीसदी भारत के शेयर मार्केट पर, चीन के शेयर मार्केट पर -0.34 फीसदी और जापान के शेयर मार्केट पर -1.14 फीसदी का असर दिखा है।

रुपये में आंशिक गिरावट
करंसी मार्केट की बात करें तो हॉन्ग कॉन्ग की करंसी में 31 दिसंबर के मुकाबले 0.04 फीसदी की तेजी आई है। भारत की करंसी में -0.37 फीसदी, चीन की करंसी में -0.98 फीसदी, यूके की करंसी में -2.42 फीसदी और जापान की करंसी में -2.97 फीसदी की गिरावट आई है।

चीन FPI का सबसे बड़ा लाभार्थी
फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट (FPI) की बात करें तो 2020 में अब तक चीन में सबसे ज्यादा विदेशी निवेशकों ने निवेश किया है। 31 दिसंबर से अब तक चीन में 132.50 अरब डॉलर, इटली में 10.47 अरब डॉलर और भारत में 3.49 अरब डॉलर का निवेश आया है। आउटफ्लो की बात करें तो इस दौरान फ्रांस से 24.30 अरब डॉलर, जर्मनी से 12.14 अरब डॉलर और ब्राजील से 6.73 अरब डॉलर का निवेश वापस गया है।

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