बात मनवाने को जिद आतंकवाद है: केरल गवर्नर

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नई दिल्ली
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्‍मद खान ने शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध कर रहे लोगों की निंदा की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सरकार की किसी नीति या संसद में कानून के प्रति असहमति जताने का अधिकार है। इसमें किसी को कोई दिक्कत भी नहीं होनी चाहिए, लेकिन विज्ञान भवन के बाहर जब पांच लोग बैठ जाएं और अपनी कोई बात मनवाने की जिद पकड़ लें तो यह भी आतंकवाद का दूसरा रूप है।

'असहमति लोकतंत्र का हिस्सा, लेकिन जिद गलत'
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, 'लोकतंत्र में असहमति का स्थान है, लेकिन अगर विज्ञान भवन के बाहर जब पांच लोग बैठ जाएं और कहने लग जाएं कि हम यहां से तब तक नहीं हटेंगे, जब तक कि यह छात्र संसद एक संकल्प नहीं ले ले जिसे हम अपनाना चाहते हैं। तो यह आतंकवाद का दूसरा रूप है।'

इससे पहले केरल के राज्यपाल ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में बैठे लोगों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सड़कों पर बैठे लोगों की वजह से जन-जीवन प्रभावित हो रहा है। अपने विचार को दूसरों पर थोपना आतंकवाद का दूसरा रूप है।

'आक्रामकता के कई रूप हैं'
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि आक्रामकता केवल हिंसा के रूप में नहीं आती है। यह कई रूपों में आती है। जैसे- यदि आप मेरी बात नहीं मानेंगे, तो मैं सामान्य जीवन को बाधित कर दूंगा।

'जम्मू कश्मीर से खत्म होगा आतंकवाद'
केरल के राज्‍यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्‍छेद 370 को निरस्त कर दिया गया है। मैं इतना जरूर कहूंगा कि कश्मीर में चीजें सामान्य हो रही हैं, हमें उम्मीद है कि हम वहां आतंकवाद को खत्म करने में सफल होंगे।

उन्होंने कहा, 'चीजों को उलझाइए मत। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर दूसरों पर अपने विचार मत थोपिये।' अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर उन्होंने कहा, 'अनुच्छेद 370 में कुछ नहीं बचा है। बस इसके बारे में थोड़ा पढ़ लें।'

मालूम हो कि आरिफ मोहम्मद खान हमेशा से इस्लाम में कट्टरता की खिलाफत करते रहे हैं। साथ ही वह कई मौकों पर अपने समाज से अलग जाकर बयान देते रहे हैं। आरिफ की पहचान एक विकासवादी नेता के रूप में रही है।

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