अमूल्या लियोन का खुलासा- मेरे पीछे बड़ी टीम

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बेंगलुरु

बेंगलुरु में नागरिकता संशोधन ऐक्ट के खिलाफ आयोजित एक रैली में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने वाली अमूल्या लियोन खासी चर्चा में हैं। सोशल मीडिया पर जहां उन्हें पाकिस्तान जाने की सलाह दी जा रही है। वहीं गुरुवार रात उपद्रवियों ने उनके घर हमला कर दिया और खिड़कियों के शीशे आदि तोड़ डाले। अब अमूल्या ने खुलासा किया है कि 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने के पीछे उनका क्या मकसद था और इसके पीछे किसकी सोच थी। अमूल्या का यह विडियो वायरल होने के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पर भी निशाना साधा जा रहा है।
 
अब अमूल्या ने खुलासा किया है कि मैं जो भी आज कर रही हूं, वो मैं नहीं कर रही हूं। मैं सिर्फ इसका फेस बन गई हूं, मीडिया की बदौलत। लेकिन मेरे पीछे बहुत सारे अडवाइजरी कमिटियां काम करती हैं, और वो जो सलाह देते हैं कि आज स्पीच में यह बात बोलनी है, ये पॉइंट्स हैं। कॉन्टेंट टीम काम करती है, बहुत सारे सीनियर ऐक्टिविस्ट काम करते हैं, मेरे मां-बांप बोलते हैं कि ऐसे बोलना है, ऐसे करना है, इधर जाना है। एक बहुत बड़ा स्टूडेंट ग्रुप- बैंगलौर स्टूडेंट अलायंस- जो ये सारे प्रोटेस्ट के पीछे काम कर रहा है। मैं सिर्फ इसका चेहरा बनी हूं, लेकिन बैंगलोर स्टूडेंट अलायंस बहुत कड़ी मेहनत कर रहा है।

पिता ने की थी आलोचना
घटना के बाद अमूल्या के पिता ने भी उनके इस बयान को आपत्तिजनक बताया था और उनकी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि मैं अपनी बेटी के बयान को बर्दाश्त नहीं करूंगा। उनकी बेटी ने जो कुछ भी कहा या किया है वो बिल्कुल गलत है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लेकिन अब अमूल्या के नए खुलासे के बाद उनके पिता पर भी कटघरे में हैं।

बता दें कि बेंगलुरु में AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी की मौजूदगी में CAA के विरोध में एक रैली आयोजित की गई थी। इसी रैली में मंच पर मौजूद 19 साल की अमूल्या लियोन ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा दिए। उनका यह विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और उन्हें कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी। इसके अलावा, उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

कौन हैं अमूल्या
ओवैसी के मंच से भाषण देने वाली अमूल्य एक स्टूडेंट ऐक्टिविस्ट हैं और वह बेंगलुरु के NMKRV कॉलेज से पत्रकारिता की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने यहां स्नातक में दाखिला लिया है। इससे पहले उन्होंने सेंट नॉर्बर्ट सीबीएसई स्कूल, क्राइस्ट स्कूल मनीपाल और सेंट जोसेफ स्कूल कोप्पा में भी पढ़ाई की है। सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव अमूल्या मूल रूप से चिकमंगलूर की रहने वाली हैं। नागरिकता ऐक्ट के खिलाफ बेंगलुरु में होने वाले छोटे-छोटे प्रदर्शनों के लिए सोशल मीडिया के सहारे समर्थन जुटाकर वह चर्चा में आई थीं।

बताया गया कि लोगों को जागरूक करने और उनका समर्थन हासिल करने के लिए अमूल्या ने सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लैटफॉर्म्स जैसे, टिंडर, हुकअप आदि की भी मदद ली थी। अमूल्या ने अपने ज्वलंत भाषणों की मदद से इलाके में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में एक खास जगह बना ली थी। इस वजह से उन्हें बड़े नेताओं वाले मंचों पर भाषण देने के लिए माइक थमा दिया जाता था।

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