नौकरी के लिए महिलाओं के कपड़े उतरवाकर मेडिकल टेस्ट कराने के मामले में NCW ने लिया संज्ञान

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 नई दिल्ली 
गुजरात के सूरत के नगर निगम में एक प्रदेश अस्पताल में महिला ट्रेनी कलर्कों को गायनोकोलॉजिकल फिंगर टेस्ट के लिए नग्न कर खड़े किए जाने की खबर सामने आई थी। ऐसे में अब राष्ट्रीय महिला आयोग ने इसपर संज्ञान लिया लिया है। आयोग ने इसको लेकर मुख्य सचिव (IAS) और डॉ जयंति एस रवि, प्रधान सचिव (IAS) को लिख कर मामले का संज्ञान लेकर आयोग को रिपोर्ट भेजने को कहा है। 

गौरतलब है कि सूरत नगर निगम कर्मचारी यूनियन द्वारा नगर आयुक्त को दी गई शिकायत के अनुसार 100 कर्मचारियों को अनिवार्य फिटनेस टेस्ट के लिए सूरत नगर निगम चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान बुलाया गया। एक वरिष्ठ् अधिकारी ने बताया कि महिला कर्मचारियों को 10 कमरों में नग्न खड़ा रखा गया। इस दौरान कमरों के दरवाजे भी बंद नहीं थे बल्कि केवल पर्दे लगे थे। इस दौरान फिंगर टेस्ट के अलावा गैर शादीशुदा महिलाओं से भी पूछा गया कि क्या वे कभी गर्भवती हुई हैं। कई महिला डॉक्टर जो टेस्ट कर रही थीं वे बुरी तरह बात कर रही थीं। 
 
वहीं पुरुष कर्मचारियों का फिटनेट टेस्ट बिलकुल साधारण था जिसमें आई टेस्ट, ईएनटी, हार्ट टेस्ट शामिल थे। बता दें कि काम के तीन साल का प्रोबेशन पीरियड खत्म होने पर कर्मचारियों का फिटनेट टेस्ट अनिवार्य है। कुछ ट्रेनी महिला कर्मचारियों द्वारा ये जानकारी इम्प्लाई यूनियक को दी गई। यूनियन के महासचिव एए शेख ने बताया कि हम ये जानकर चकित रह गए और तुरंत इसे रोकने की मांग की। शेख ने आरोप लगाया कि फिंगर टेस्ट कर रहे डॉक्टर ऊंटपटांग सवाल कर रहे थे और काफी रूड थे। 

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