सड़क पर बैठकर विचार थोपना भी आतंकवाद का एक रूप: आरिफ मोहम्मद खान

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नयी दिल्ली 
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शाहीन बाग प्रदर्शकारियों पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि लोग सड़कों पर बैठे हैं और अपने विचार दूसरों पर थोपने के लिए आम जन-जीवन को बाधित कर रहे हैं जोकि आतंकवाद का एक रूप है।

राज्यपाल ने 'भारतीय छात्र संसद' में कहा, 'उग्रता केवल हिंसा के रूप में सामने नहीं आती। यह कई रूपों में सामने आती है। अगर आप मेरी बात नहीं सुनेंगे, तो मैं आम जनजीवन को प्रभावित करूंगा।' 
 
खान ने अपने भाषण में कहा, 'असहमति लोकतंत्र का सार है। इससे कोई परेशानी नहीं है। लेकिन पांच लोग विज्ञान भवन के बाहर बैठ जाएं और कहें कि हमें यहां से हमें तब तक न हटाया जाए जब तक कि यह छात्र संसद एक प्रस्ताव स्वीकार नहीं कर लेती, जिसे हम स्वीकार करते हैं। यह आतंकवाद का एक और रूप है।'

उन्होंने कहा, 'चीजों को उलझाइए मत। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर दूसरों पर अपने विचार मत थोपिये।' अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर उन्होंने कहा, 'अनुच्छेद 370 में कुछ नहीं बचा है। बस इसके बारे में थोड़ा पढ़ लें।'

गौरतलब है कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ दिल्ली के शाहीनबाग में दो महीने से ज्यादा समय से विरोध प्रदर्शन चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर होने के बाद अदालत ने वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को वार्ताकार नियुक्त किया है। तीसरे दिन वार्ताकारों के शाहीन बाग पहुंचने से पहले प्रदर्शनाकरियों ने बताया कि मीडिया के सामने ही बातचीत करेंगे।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि चिंता इस बात को लेकर है कि अगर लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने लगें तो क्या होगा, एक बैलेंसिंग फैक्टर होना चाहिए। कोर्ट ने बोला था कि विरोध करना लोगों का मौलिक अधिकार है लेकिन सड़कों को ब्लॉक कर हम परेशान कर रहे हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी।

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