पाचन तंत्र से जुड़ी ये मजेदार बातें क्या आपको पता हैं

0

हमारी बॉडी को ऐक्टिव रखने में सबसे अधिक रोल हमारे डायजेस्टिव सिस्टम का होता है। क्योंकि हमारा पाचनतंत्र एक तरह से हमारी बॉडी के पॉवर हाउस के रूप में काम करता है। यहीं से हमारे पूरे शरीर को काम करने, चलने फिरने यहां तक कि सांस लेने के लिए भी ऊर्जा मिलती है। लेकिन यहां हम आपको बता रहे हैं, कुछ ऐसे फैक्ट्स के बारे में जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाएंगे…

सलाइवा यानी लार प्रड्यूस करने के मामले में हमारा डायजेस्टिव सिस्टम बहुत हैरान करता है। हमारी अंदर हर रोज करीब 1 लीटर लार बनती है। आखिर लार ही पाचन क्रिया की पहली सीढ़ी है। यह खाने के डायजेस्ट करने में मदद करती है। इसी की मदद से हम खाना चबा पाते हैं और इस खाने को पचाने में आंतों को आसानी होती है।

पाचनतंत्र है 30 मीटर लंबा
आपने शायद ही कभी इस बात पर गौर किया हो…आपको बता दें कि हमारे पाचनतंत्र में शामिल मुंह, लीवर, छोटी आंत, बड़ी आंत जैसे अंगों को मिला दें तो इसकी लंबाई लगभग 30 फीट होती है।

स्टोरेज क्षमता पता है अपने पेट की?
हमारे पेट में 50 मिलीलीटर से लेकर 4 हजार मिलीलीटर तक पानी या दूसरा लिक्विड स्टोर करने की क्षमता होती है। लेकिन आमतौर पर लोग 1 हजार से डेढ़ हजार मिलीलीटर लिक्विड कंज्यूम करने के बाद ही संतुष्टि महसूस करते हैं और इससे ज्यादा नहीं पीना चाहते। क्योंकि इतनी मात्रा तक फुल हो जाने के बाद हमारे ब्रेन के थैलेमस से पेट को सिग्नल मिलता है कि बस अब और नहीं लेना है…।

दो तरह का होता है हमारा डायजेशन
क्या कभी इस बात पर गौर किया है कि हमारा डायजेशन दो तरह का होता है…पहला मैकेनिकल और दूसरा केमिकल। मैकेनिकल डायजेशन शुरू होता है, जब हम किसी फूड को हाथ से या दांतों से छोटे पीस में तोड़कर उसे चबाते हैं और केमिकल प्रॉसेस शुरू होता है, जब हमारे पेट में जाकर वे दांतों द्वारा चबाई गई बाइट्स एंजाइम्स द्वारा छोटे-छोटे मॉलेक्यूल्स में बदलती हैं और इनसे हमारा शरीर एनर्जी जनरेट करता है।

यहां होता है सबसे अधिक काम
हमारे पेट में डायजेशन यानी खाने को पचाने का सबसे अधिक काम छोटी आंत में होता है। जो कि पूरी डायजेस्टिव सिस्टम का दो तिहाई हिस्सा है। छोटी आंत ही शरीर का वह अंग है, जहां सबसे अधिक न्यूट्रिऐंट्स यानी पोषक तत्वों को अवशोषित किया जाता है। ताकि शरीर सेहतमंद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *