अब तक वोटिंग में पिछड़े दिल्लीवासी, क्या तोड़ेंगे 2015 का रिकॉर्ड या फिर दोहराएंगे 1998 का इतिहास?

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,नई दिल्ली

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। दोपहर तीन बजे तक एक तिहाई से भी कम मतदान हुए हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या दिल्ली के मतादाता 2015 का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे या फिर 1998 के आंकड़े को दोहराया जाएगा। चुनाव आयोग के आंकड़ों को मुताबिक अभी तक सिर्फ 30.18 प्रतिशत वोटिंग हुई है। मतदान की रफ्तार काफी धीमी है।

 

दिल्ली में अब तक कुल छह विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। बीते चार विधानसभा चुनावों में दिल्ली का मतदान प्रतिशत लगातार बढ़ा है। इन चार विधानसभा चुनावों से दिल्लवाले मतदान में हर बार अपना ही पिछला रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। बीते एक दशक में हुए दो लोकसभा चुनाव पर भी नजर डालें तो दिल्ली वोट करने में प्रथम श्रेणी में पास हुई है। चुनाव आयोग इस बार फिर रिकॉर्डतोड़ मतदान की अपील कर रहा है। बीते पांच बार के विधानसभा चुनाव के मूड पर नजर डालें तो दिल्लीवालों ने एक बार सरकार बदलने के लिए सबसे कम मतदान किया था। 1998 के विधानसभा में दिल्लीवालों ने अबतक सबसे कम मतदान महज 48.99 फीसदी वोट करके भाजपा की सरकार गिरा दी थी। कांग्रेस की दिल्ली में सरकार आई थी। उसके बाद लगातार मत प्रतिशत बढ़ा मगर इसमें बड़ी बढ़ोतरी नहीं दिखी।

 

दिल्ली ने 2013 फिर 2015 में मतदान का नया रिकॉर्ड कायम किया। दिल्ली ने रिकॉर्ड तोड़ मतदान करके दिल्ली की सरकार बदल दी। दोनों ही बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनी। ऐसे में इस बार दिल्ली का मूड क्या है। शनिवार को मतदान खत्म के बाद ही अंदाजा लग सकेगा।

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