लोकायुक्त दफ़्तर के बगल में रिश्वतखोरी : एडि.ट्रेजरी अफसर और लिपिक घूस लेते गिरफ्तार

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भोपाल
भोपाल में लोकायुक्त (lokayukt) कार्यालय के ठीक बगल में रिश्वतखोरी चल रही थी. ट्रेजरी दफ्तर (Treasury office) में ये खेल चल रहा था. लोकायुक्त की टीम ने छापा मार कर एडिशनल ट्रेजरी ऑफिसर को लिपिक के साथ 10000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.

लोकायुक्त टीम में शामिल टीआई अनिल शर्मा के मुताबिक एडिशनल ट्रेजरी ऑफिसर दिलीप सिंह चौहान ने भोपाल में रहने वाले देवेंद्र वर्मा से उनकी मां की पेंशन रिवाइज करने के एवज में रिश्वत मांगी थी. इसमें लिपिक भी शामिल था. वर्मा से 24 हजार रुपए मांगे गए थे. देवेंद्र वर्मा इन लोगों को 4 हजार रुपए की रिश्वत पहले दे चुके थे. उसके बाद उन्होंने लोकायुक्त पुलिस में शिकायत कर दी. आज वो दूसरी किश्त के 10 हजार लेकर जिला ट्रेजरी कार्यालय पहुंचे. एडिशनल ट्रेजरी ऑफिसर दिलीप सिंह चौहान के केबिन में जैसे ही उन्होंने 10 हजार की रिश्वत दी वैसे ही घात लगाकर बैठी लोकायुक्त की टीम ने चौहान और उसके बाबू दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. जैसे ही दोनों के हाथ धुलवाए गए नोट से लगा हुआ गुलाबी रंग पानी में आ गया.

इस मामले के फरियादी देवेंद्र वर्मा ने मीडिया को बताया कि आरोपियों ने उससे 50000 रूपए की रिश्वत  मांगी थी. उन्होंने इसकी शिकायत ट्रेजरी ऑफिस के तमाम बड़े अधिकारियों से की लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की. यही कारण रहा कि उन्होंने फिर लोकायुक्त पुलिस से संपर्क किया. योजना के मुताबिक अधिकारी से रिश्वत देने पर बात की. मामला 50000 से 24000 रुपए पर आकर तय हुआ. इस पूरी डील में एडिशनल ट्रेजरी ऑफिसर के लिपिक का रोल था. रिश्वत का पैसा वही अधिकारियों तक पहुंचाता था.

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