हमारी सरकार अपने राष्ट्र निर्माताओं की भावना के अनुसार चल रही है-पीएम

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पीएम नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध करने वाले विपक्ष का जोरदार हमला बोला। उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों और समझौते का जिक्र किया और कहा कि उनकी सरकार देश के राष्ट्र निर्माताओं की भावनाओं के अनुसार का काम कर रही है। पीएम ने देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू और लियाकत समझौते का जिक्र करते कहा कि नेहरू ने भी इस समझौते में पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों का जिक्र करते हुए ही समझौता किया था। उन्होंने कहा कि लोग हमपर सांप्रदायिक होने का आरोप लगा रहे हैं, तो क्या पंडित नेहरू सांप्रदायिक थे?

'कांग्रेस ने तो गांधी को ही छोड़ दिया'
पीएम ने कहा कि विपक्ष हमपर गांधी जी के कथन के हवाले से आरोप लगा रही है कि CAA पर सरकार जो कर रही है वह गांधी की भावना नहीं थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तो गांधी को छोड़ दिया है और देश आपसे कोई अपेक्षा नहीं करता है।

नेहरू-लियाकत समझौते का किया जिक्र
पीएम ने कहा कि 1950 में नेहरू लियाकत समझौता हुआ। इस समझौते का आधार था पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव नहीं होगा। नेहरू जैसे महान विचारक और आपके लिए सबकुछ। उन्होंने उस समय वहां की अल्पसंख्यकों के बजाए सारे नागरिक शब्द का प्रयोग क्यों नहीं किया? नेहरू जी समझौते में पाकिस्तान के अल्पसंख्यक शब्द पर कैसे मान गए? जो हम बता रहे हैं, वही बात नेहरू जी ने उस समय बताई थी। नेहरू ने अल्पसंख्यक शब्द क्यों प्रयोग किया उसका जवाब देकर वह खुद देकर गए।

नेहरू -लियाकत साइन होने के एक साल पहले नहेरू ने असम के सीएम गोपीनाथ को एक पत्र लिखा था, आपको हिंदू शरणार्थियों और मुस्लिम प्रवासी के बीच फर्क करना ही होगा और देश को इन शरणार्थियों की जिम्मेदारी लेनी ही पड़ेगी। नेहरू-लियाकत समझौते के कुछ महीने के भीतर ही नहेरू 5 नवंबर 1950 को एक बयान दिया था। नेहरू ने कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि जो प्रभावित लोग भारत में सेटल होने के लिए आए हैं वे नागरिकता मिलने के हकदार है और अगर इसके लिए कानून अनुकूल नहीं है तो इसके लिए कानून में बदलाव करने की जरूरत है। 1963 में लोकसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देने के लिए विदेश राज्य मंत्री दिनेश सिंह बोल रहे थे तो आखिर में नेहरू ने टोकते हुए कहा था कि पूर्वी पाकिस्तान (अभी बांग्लादेश) में वहां की अथॉरिटी हिंदुओं पर जबरदस्त दबाव बना रही है। पाकिस्तान के हालात को देखते हुए गांधी जी ही नहीं नेहरू की भी भावना रही थी।

तो क्या पंडित नेहरू सांप्रदायिक थे?
इस समझौते का जिक्र कर पीएम ने पूछा क्या पंडित नेहरू सांप्रदायिक थे। क्या पंडित नहेरू हिंदू राष्ट्र बनाने चाहते थे, जो उन्होंने बातें कहीं? आज हमारी सरकार अपने राष्ट्र निर्माताओं की भावना के अनुसार चल रही है। इस देश के 130 करोड़ नगारिकों को कहना चाहता हूं कि CAA से हिंदुस्तान के किसी भी नागरिक पर किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं होने वाला है। चाहे हिंदू हो, मुस्लिम, सिख और ईसाई को कोई नुकसान होने वाला नहीं है।

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