एयर इंडिया में 100 प्रतिशत FDI की अनुमति संभव, अभी 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति

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नई दिल्ली
सरकार राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया में जोरशोर के साथ विनिवेश की तैयारी में लगी है। ऐसे में सरकार एयर इंडिया में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने के प्रस्ताव पर काम कर रही है। अभी सरकारी मंजूरी मार्ग से एयर इंडिया में 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है। वहीं अनुसूचित विमान कंपनियों में कुछ शर्तों के साथ 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है।

इनमें एक शर्त यह भी है कि विदेशी एयरलाइन को इसकी अनुमति नहीं होगी। एयर इंडिया में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति से प्रवासी भारतीय (एनआरआई) एयरलाइन में 100 प्रतिशत तक निवेश कर सकेंगे। अभी उन्हें राष्ट्रीय विमानन कंपनी में सिर्फ 49 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने की अनुमति है। सूत्रों ने कहा कि नागर विमानन मंत्रालय ने उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) से उस प्रावधान को हटाने को कहा है जो एयर इंडिया में एफडीआई की सीमा को 49 प्रतिशत पर सीमित करता है।

इस बारे में एक नोट का मसौदा जारी किया गया है जिसपर विभिन्न मंत्रालयों की टिप्पणियां मांगी गई हैं। सरकार दो साल में दूसरी बार एयर इंडिया के विनिवेश का प्रयास कर रही है। 27 जनवरी को एयर इंडिया की हिस्सेदारी बिक्री को शुरुआती सूचना ज्ञापन (पीआईएम) निकाला गया है।

एयरएशिया के सीईओ टोनी फर्नांडिस को दो महीने के लिए पद से हटा दिया गए हैं। रिश्वत के एक मामले में फर्नांडिस के शामिल होने का शक है। फर्नांडिस पर चार अरब डॉलर का घूस लेने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार, टाटा समूह एयरएशिया के साथ मिलकर एयर इंडिया के लिए बोली लगा सकती है।

खबरें ऐसी भी हैं कि टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया एक्सप्रेस खरीदने की मंजूरी के लिए मलयेशियाई आंत्रप्रन्योर टोनी फर्नांडिस से भी संपर्क किया है, जो एयर एशिया में 49% हिस्सेदारी रखते हैं। ऐसे में यह एक झटके के तौर पर देखा जा रहा है।

 

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