भूमि विकास बैंकों का डूबत कर्ज अब जिला सहकारी बैंकों के जरिए जाएगा वसूला

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भोपाल
जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (भूमि विकास बैंक) के 90 हजार कर्जदार किसानों पर बाकी 18 सौ करोड़ रुपए का डूबत कर्ज अब जिला सहकारी बैंकों के जरिए वसूला जाएगा। इस संबंध में नीति तय हो गई है जल्द ही इसके लिए आदेश जारी किए जाएंगे। राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के अधीन कार्यरत 37 जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंको से लिया गया करोड़ों रुपए का कर्ज किसानों ने नहीं चुकाया है।90 हजार किसानों पर लगभग 18 सौ करोड़ रुपए की वसूली की जाना है। यह राशि लंबे समय से डूबत ऋण में तब्दील हो गई है। पूर्व भाजपा सरकार ने इस कर्ज की वसूली के लिए किसानों की जमीनों की नीलामी पर रोक लगा दी थी।

किसान कर्ज नहीं लौटा रहे है और उनकी जमीनों की नीलामी पर भी रोक लगी हुई है। इसके चलते यह राशि लंबे समय से वसूली नहीं हो पा रही है। भूमि विकास बैंक का परिसमापन किया जा रहा है। वहां अब चुनिंदा कर्मचारी ही शेष बच गए है। इसके चलते बकाया कर्ज की वसूली नहीं हो पा रहीं है। कर्ज की राशि पर ब्याज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है।

राज्य शासन ने भूमि विकास बैंको के जरिए किसानों को कर्ज देने के लिए 12 सौ करोड़ रुपए लिए थे। इसकी अदायकी नाबार्ड को शासन ने कर दी है। लेकिन सरकार के पास 18 सौ करोड़ रुपए नहीं आ पाए है।  इसमें पांच लाख रुपए से उपर के ही कई कर्जदार है। इस श्रेणी के सर्वाधिक कर्जदार 389 भिंड में है।

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