आज का केंद्रीय बजट अलेक्सा द्वारा तैयार किया बजट है जिसमें सिर्फ सुर्खिया बटोरी जा सकती है रोजगार नही : अंकित

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रायपुर ,बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बागबाहरा ब्लॉक कांग्रेस कमीटी ग्रामीण के प्रथम अध्यक्ष अंकित बागबाहरा ने कहा है कि केन्द्रीय बजट आज तक के इतिहास का सबसे लंबा और सबसे कमजोर बजट था और इसके अलावा इसमें कुछ नहीं था । अंकित ने कहा कि जिस विश्वास से इस देश की जनता ने मोदी को दुबारा देश का प्रधानमंत्री बनाया उसी विश्वास से मोदी सरकार की दूसरी सरकार का दूसरे नम्बर का बजट ने पूरे देश को निराश किया । इसमें फिर किसानों की आय दुगनी करने की 16 सूत्रीय बाते हुई, लेकिन कैसे दुगनी करेंगे इस बारे में बजट खामोश है। युवाओं, बेरोजगारों, छात्रों के लिये इस बजट में कुछ भी नहीं है। जिस देश में नालंदा तक्षशिला की गौरवशाली परम्पराए रही है, जिस देश में जेएनयू जैसे विश्वविद्यालय है, जहां एशिया, आफ्रिका और यूरोप के देशो से आकर पढ़ा करते थे। उस देश में शिक्षा के क्षेत्र में एफडीआई अनुमति दे के मोदी सरकार ने व्यापार जगत की दुर्दशा करने के बाद अब शिक्षा जगत की दुर्दशा करने की भी सोच ली है और इसी में किसानों हेतु भी खरीद की व्यवस्था ऑनलाइन करके खुदरा व्यापार को पूरी तरह से बर्बाद करने की तैयारी कर ली है । यह बजट पूर्ण रूप से निराश करने वाला है ,इसका सबका बड़ा सबूत बजट पेश करते ही सेंसेक्स में 1000 अंकों की बड़ी गिरावट दर्ज हुयी और निफ्टी 300 अंक नीचे आया है । अर्थात व्यापार जगत ने और उद्योग जगत ने भी इसे देश के लिये अच्छा नहीं माना है। एक महिला होने के बाद भी महिलाओं की आवश्यकता का रसोई का इस बजट में बिल्कुल ध्यान नही रखा गया है ।
आज का इतिहास का किसी वित्त मंत्री द्वारा पढ़ा गया सबसे लंबा भाषण सबसे निराश करने वाला था जिसकी बुराई पूर्व में भी वित्त मंत्री सीतारमण के पति परमला प्रभाकर कर चुके है, सबसे दुखद की दूसरे का लिखा भाषण भी वो पूरा पढ़े बिना ही बैठ गयी । अंकित ने कटाक्ष करते हुए कहा कि नोट बंदी से पूरे देश में साढ़े 3 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए ऊपर से आज के बजट में भी रोजगार के अवसर पैदा करने पर कोई चर्चा नही है । एफ डी आई का विरोध करने वाली सरकार अब 284 बिलियन डॉलर की एफडीआई पर स्थानीय व्यापारियों की होली जलाकर अपनी पीठ थपथपा रही है । 100 नए विमानतल मुंगेरीलाल के हसीन सपने से कम नही । ये बजट पुनः सिर्फ अडानी और अम्बानी को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया बजट ज्यादा है जिसका प्रमाण है कि देश की 6 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन देने की घोषणा की गई है और स्वास्थ्य मामलों में पूर्णतः पी पी पी मोडल पर काम करने की बात की गई है ।
आज ऐसा प्रदर्शित हो रहा था कि आने वाले दिनों में मोदी सरकार देश के महारत्न,नवरत्न और मिनी रत्न कंपनियों को किस प्रकार से बेचेगी कौन-कौन से कंपनियों को बेचेगी इसकी सूची जारी कर रही थी। जिसका प्रमाण एलआईसी में सरकार की हिस्सेदारी बेचने का निर्णय और 10 सरकारी बैंको के विलय का फैसला युवा, बेरोजगार विरोधी है। आईडीबीआई में अपनी हिस्सेदारी बेचना भी समझ से परे है । सबसे बड़ी बात जिस टैक्स स्लैब में बदलाव की वाहवाही मोदी सरकार लूटना चाह रही उसे पाने के लिए करदाताओं को स्वयं को बीमा,घर किराया,बच्चों की स्कूल फीस,मेडिक्लेम आदि में मिलने वाली छूट से हाँथ धोना पड़ेगा और इससे प्रत्येक परिवार की बचत करने की सोच को हतोत्साहित करने वाला बजट है और हर करदाता को स्वयं को मिलने वाली लगभग 70 प्रकार की छूट से हाँथ धोना पड़ेगा ।
आज के बजट में बढ़ती बेरोजगारी,बढ़ती किसान आत्महत्या,बढ़ती गरीबी,बढ़ते ईंधन के मूल्य,बढ़ती मॅहगाई पर चर्चा ना होना भी आश्चर्य जनक है । व्यापारियों ने और शेयर मार्केट के बड़े दिग्गजों ने इस बजट को परिभाषित करते हुए कहा कि हमें हमारे आर्थिक कैंसर से लड़ने के लिए इसके कारणों को जानने की जरूरत है ना कि सिर्फ लक्षणों को । अर्थात आज के बजट ने हमें चाहे वो किसान हो,युवा हो बेरोजगार हो सभी को ठगा है ।

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