महिला सुरक्षा के लिए कानून के साथ ही बच्चों को दें नैतिक शिक्षा – सुश्री उइके

0

राष्ट्रीय महिला आयोग के 27वें स्थापना दिवस पर शामिल हुईं छत्तीसगढ़ की राज्यपाल

तकनीक के उपयोग से महिला सुरक्षा को प्रभावी बनाने पर दिया ज़ोर

नई दिल्ली, 31 जनवरी 2020- राष्ट्रीय महिला आयोग के 27वें स्थापना दिवस पर आज नई दिल्ली में आयोजित ‘बीजिंग+25 की समीक्षा पर राष्ट्रीय परामर्श’ में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके शामिल हुईं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए कानून को मजबूत बनाने के साथ ही बच्चों को नैतिक शिक्षा भी दी जाए। वहीं, उन्होंने महिला सुरक्षा के लिए तकनीक के उपयोग पर भी ज़ोर दिया।
मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम को संबोधित करते हुये राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि महिला आयोग पीड़ित, दुखी, शोषित महिला को न्याय दिलाने के लिए जाना जाता है। लेकिन किसी भी संस्था को प्रभावी बनाने के लिए नवाचार आवश्यक है। इसके लिए उन्होंने कार्यक्रम में कई सुझाव भी दिये। उन्होंने कहा कि महिला आयोग का कार्य राज्यों में भी मजबूत करना चाहिए ताकि सभी महिलाओं को न्याय मिल सके। राज्यों में वर्कशॉप का आयोजन किया जाए, जिससे महिलाओं को अधिकारों की जानकारी हो सके। वहीं, उन्होंने महिला सुरक्षा के लिए तकनीक के प्रयोग पर ज़ोर दिया, ताकि पीड़ित महिला त्वरित रूप से थानों में सूचना दे सके। पुलिस में महिला कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए, इसके लिए महिला आयोग को सरकार से अनुशंसा करने की बात कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि लैंगिक उत्पीड़न पर त्वरित न्याय हो।
सुश्री उइके ने महिला सुरक्षा के लिए मौजूदा कानून में सुधार के साथ ही बच्चों को संस्कारी बनाने और नैतिक शिक्षा दिये जाने पर ज़ोर दिया। इसके साथ ही जनजाति महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्र की महिलाओं में हुनर बहुत है लेकिन उनके उत्पादों की मार्केटिंग नहीं हो पाने की वजह से आर्थिक रूप से पिछड़ी हुईं हैं। इस दौरान राज्यपाल ने विश्वास जताया कि राष्ट्रीय महिला आयोग महिलाओं को और भी सशक्त करने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *