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थायराइड की समस्या से जूझ रहे लोग न खाएं ये चीजें - Jogi Express

थायराइड की समस्या से जूझ रहे लोग न खाएं ये चीजें

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गर्दन के अंदर और कॉलरबोन के ठीक ऊपर स्थित थायराइड तितली के आकार की ग्रंथि होती है। इस ग्रंथि के हार्मोन्स में असंतुलन से समस्या पैदा हो जाती है। इस समस्या से कई अन्य बीमारियां जन्म लेने लगती हैं। इसकी वजह से अस्थमा, कोलेस्ट्रॉल की समस्या, डिप्रेशन, डायबिटीज, इन्सोमनिया और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा है। www.myupchar.com से जुड़े एम्स के डॉ. अनुराग शाही के अनुसार, थायराइड दो तरह का होता है – हाइपरथायराइड और हाइपोथायराइड। हाइपरथायराइड में ज्यादा मात्रा में थायराइड हार्मोन बनने लगता है। वहीं हाइपोथायराइडिज्म में इस हार्मोन का कम उत्पादन होता है। जानिए हाइपोथायराइडिज्म में किन चीजों को नहीं खाना चाहिए  :
 
ब्रोकली और फूलगोभी जैसी सब्जियां : क्रुसिफेरस सब्जियों जैसे ब्रोकली, फूलगोभी, पत्तागोभी आदि फाइबर और अन्य पोषक तत्वों से भरी होती हैं, लेकिन अगर आयोडीन की कमी है तो ये थायराइड हार्मोन के उत्पादन को कम करती हैं। इन्हें पचाने से आयोडीन का उपयोग करने के लिए थायराइड की क्षमता अवरुद्ध हो सकती है, जो सामान्य थायराइड के लिए आवश्यक है।
 
ब्रेड, पास्ता और चावल में पाया जाने वाला ग्लूटेन : हाइपोथायरायडिज्म वाले लोग ग्लूटेन के अपने सेवन को कम करें। ग्लूटेन एक प्रोटीन है जो गेहूं, जौ, राई और अन्य अनाजों से बने प्रोसेस्ड फूड्स  में पाया जाता है। अगर किसी को सीलिएक डिसीज है, तो यह ग्लूटेन छोटी आंत को परेशान कर सकता है और थायराइड हार्मोन रिप्लेसमेंट मेडिकेशन के अवशोषण में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
 
फैटी फूड्स जैसे बटर, मीट और सभी तली हुई चीजें : फैट्स यानी वसा भी हार्मोन का उत्पादन करने के लिए थायराइड की क्षमता में हस्तक्षेप कर सकती है। तले हुए खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट से दूर रखें और बटर, मेयोनीज़, मार्जरीन जैसे पदार्थों का सेवन कम करें।
 
चॉकलेट चीज़केक जैसे शुगरी फूड्स : हाइपोथायरायडिज्म के कारण शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है। अगर आप सावधान नहीं हैं तो वजन तेजी से बढ़ेगा। चीनी की अधिक मात्रा वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए, क्योंकि यह बिना पोषक तत्वों के बहुत अधिक कैलोरी है। चीनी की मात्रा को कम करना या इसे अपने आहार से पूरी तरह से खत्म करने की कोशिश करना सबसे अच्छा है।

प्रोसेस्ड फूड्स : प्रोसेस्ड फूड्स में बहुत अधिक सोडियम होता है और हाइपोथायरायडिज्म वाले लोगों को सोडियम से बचना चाहिए। अंडरएक्टिव थायराइड होने से हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ जाता है और बहुत अधिक सोडियम इस जोखिम को और बढ़ा देता है।
 
बीन्स, फलियां  और सब्जियों से अतिरिक्त फाइबर :
पर्याप्त फाइबर प्राप्त करना आपके लिए अच्छा है , लेकिन बहुत अधिक आपके हाइपोथायरायडिज्म के उपचार को जटिल कर सकता है। संपूर्ण अनाज,  सब्जियों,  फलों,  फलियों से मिलने वाले फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होने पर पाचन तंत्र को प्रभावित करती हैं और थायराइड हार्मोन को प्रभावित करती हैं।
 
कैफीन : जिन लोगों को थायराइड की समस्या है उन्हें कैफीन से बचना चाहिए। इसका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। इससे थायराइड के कारण होने वाले समस्या में बढ़ोतरी होती है। ऐसे में चाय और कॉफी से परहेज करें।
 
एल्कोहल : एल्कोहल से बचें। इससे एनर्जी लेवल बढ़ता है, जो आपके थायराइड को प्रभावित करता है। इससे आपको नींद की समस्या आती है। यह ओस्टियोपोरोसिस का खतरा भी बढ़ाता है।

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