LoC पर सेना, 2 दिन में 32 बार पहाड़ से दरकी बर्फ

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श्रीनगर
उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में हो रही भारी बर्फबारी अब सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात जवानों के लिए मुसीबत बन गई है। नॉर्थ कश्मीर के कई जिलों में भारी बर्फबारी के कारण उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में अब हिमस्खलन के साथ-साथ स्नो स्लाइडिंग की घटनाएं हो रही हैं। स्नो स्लाइडिंग की इन घटनाओं के कारण बीते 48 घंटों में फॉरवर्ड इलाकों में बनी भारतीय सेना की तमाम पोस्टों पर असर पड़ा है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, बीते 48 घंटों में स्नो स्लाइडिंग की 32 घटनाएं हुई हैं। अलग-अलग घटनाओं में सेना के दो और बीएसएफ का एक जवान शहीद हुआ है।
क्या है स्नो स्लाइडिंग?

उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के कारण कई बार स्नो स्लाइडिंग की घटनाएं होती हैं। ऐसी घटनाओं के वक्त बर्फ के बड़े-बड़े टुकड़े पहाड़ से टूटकर नीचे गिरते हैं। ऐवलॉन्च में जहां ऊंचे हिस्से से बर्फ धीरे-धीरे नीचे आती है, वहीं स्नो स्लाइडिंग के दौरान बर्फ के बड़े टुकड़े कहीं से भी सरककर नीचे गिरते हैं। ऐसे में कई बार अचानक ही सेना की कोई पोस्ट भी ऐसे बर्फीले टुकड़े के नीचे दब जाती है।

उत्तरी कश्मीर के इलाकों में भारी बर्फबारी
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, उत्तरी कश्मीर के जिलों कुपवाड़ा, बांदीपोरा और बारामुला में बीते कुछ दिनों से भारी बर्फबारी हो रही है। बीते दो दिनों में बांदीपोरा जिले के अग्रिम इलाके गुरेज में कुल 20 इंच बर्फबारी हुई है। इसके अलावा कुपवाड़ा के केरन में 22 इंच और बारामुला के उरी में 24 इंच तक बर्फ पड़ी है। सबसे ज्यादा बर्फबारी उच्च पर्वतीय इलाके और एलओसी के सबसे संवेदनशील माछिल सेक्टर और नौगांव सेक्टरों में हुई है। अधिकारियों के अनुसार, नौगांव में कुल 48 इंच और माछिल सेक्टर में 46 इंच तक बर्फ पड़ी है। ताजा बर्फबारी के बीच ही कश्मीर के तमाम अग्रिम इलाकों में सेना के जवान सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात हैं। इस बीच ही पहाड़ी इलाकों में स्नो स्लाइडिंग के कारण आर्मी की तमाम पोस्ट प्रभावित हुई है।

नॉर्थ ग्लेशियर में माइनस 57 डिग्री तापमान
भारतीय एलओसी, एलएसी और सीमा से सटे सभी इलाकों जहां पर आर्मी तैनात है, वहां सबसे कम तापमान सियाचिन के नॉर्थ ग्लेशियर का रहा है, जहां पारा माइनस 57 डिग्री तक पहुंच चुका है। वहीं उत्तरी कश्मीर के कई इलाकों में भी शून्य से नीचे जा चुके तापमान के बीच सेना के जवान ड्यूटी पर मुस्तैद हैं। हालांकि स्नो स्लाइडिंग की घटनाओं के बीच संवेदनशील इलाकों से कुछ जवानों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, बीते 48 घंटों में स्नो स्लाइडिंग की घटनाएं गुरेज, माछिल, नौगांव, तंगधार और उरी के कुछ इलाकों में हुई हैं। कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में हाल ही में स्नो स्लाइडिंग की घटना हुई है। जिसके कारण बर्फ में फंसे 4 जवानों को सेना की टीम ने रेस्क्यू किया है। इन जवानों में 2 शहीद हो चुके हैं, जबकि 2 की हालत गंभीर बनी हुई है। इसके अलावा 1 अन्य जवान अब भी लापता है।

200 जवानों को बचाया गया
नौगांव में बीएसएफ की एक फॉरवर्ड पोस्ट भी स्नो स्लाइड की चपेट में आ चुकी है, जिसमें फंसे 4 लोगों को रेस्क्यू टीम ने बचाया था। इनमें एक जवान इलाज के दौरान कार्डियक अरेस्ट से शहीद हुआ है। बारामुला के उरी में भी सेना की एक पोस्ट स्नो स्लाइड्स की चपेट में आई है, जहां तैनात सात जवानों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। साथ ही तंगधार में मंगलवार को हुई ऐसी ही एक घटना के बाद 6 जवान रेस्क्यू किए गए हैं। गुरेज के कंजलवन इलाके में सोमवार को एक स्नो स्लाइड की घटना से पहले फॉरवर्ड इलाकों मे तैनात 200 जवानों को बचाया गया, हालांकि स्लाइड्स में सेना की एक पोस्ट दब गई। उच्च पर्वतीय इलाकों में हो रही बर्फबारी के बीच उत्तरी कमान से अधिकारियों को पूरी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

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