जानें मकर संक्रांति का पुण्य काल कब तक

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मकर संक्रांति में मकर शब्द सौर मंडल की बारह राशियों में से एक राशि है जिसके स्वामी शनि ग्रह हैं। संक्रांति का अर्थ होता है- संक्रमण अर्थात ग्रह का प्रवेश करना।

मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, भारतीय ज्योतिष विज्ञान के अनुसार, सूर्य इसी दिन से उत्तरायण भी होते हैं। उत्तरायण सूर्य का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना गया है और इसे देवताओं का दिन भी कहा गया है। इसी दिन से दिन की अवधि बढ़ती है और रात की अवधि घटती चली जाती है। सूर्य के इस राशि परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर हुआ परिवर्तन मानते हैं।

मकर संक्रांति 2020 कब मनाई जाएगी
सामान्य तौर पर मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाता है। लेकिन इस बार सूर्य का मकर राशि में परिवर्तन मंगलवार 14 जनवरी की रात 2 बजकर 7 मिनट पर हो रहा है, इस वजह से इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी दिन बुधवार को मनाई जाएगी।

मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति 2020- 15 जनवरी दिन बुधवार
संक्रांति काल- 14 जनवरी मध्य रात्रि के बाद 02 बजकर 7 मिनट।
पुण्यकाल- 15 जनवरी 07:19 से 12:31 मिनट तक।
महापुण्य काल- 07:19 से 09: 03 मिनट तक।
संक्रांति स्नान- प्रात: काल, 15 जनवरी 2020।

मकर संक्रांति धार्मिक महत्व
माघे मासे महादेव यो दास्यति घृतकम्बलम। स भुक्तवा सकलान भोगान अंते मोक्षम च विन्दति।। अर्थात्-धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन से मलमास खत्म होकर शुभ मास प्रारंभ हो जाता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान, दान, पूजा आदि करना सौ गुणा फल देता है। पुराणों में इस दिन घी और कंबल दान करने की अपार महिमा बताई गई है। माना गया है कि इस दिन घी और कम्बल दान करने वाला सभी भोगों को भोगकर मोक्ष को प्राप्त होता है।

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