आर्मी चीफ नरवणे का दावा- नहीं होगी ईरान जैसी गलती, भारत ने उठाए सही कदम

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नई दिल्ली
आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने भारत में एयर डिफेंस कमांड की जोरदार पैरवी की है. एमएम नरवणे ने कहा है कि एयर डिफेंस कमांड की मौजूदगी की वजह से भारत ईरान जैसी गलती करने से बच सकेगा. बता दें कि 8 जनवरी की सुबह राजधानी तेहरान के पास उड़ान भरने के तुरंत बाद ही यूक्रेन का एक यात्री विमान क्रैश हो गया था. बाद में ईरान ने कहा कि इस विमान को ईरानी सेना ने ही गलती से मिसाइल मार कर गिरा दिया था. इस यात्री विमान में 176 लोग सवार थे, सभी यात्रियों की जान चली गई थी.

ईरान ने शनिवार को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि इस विमान को उसकी अपनी सेना ने ही गलती से मार गिराया था. ईरान ने घरेलू विमान को सैनिक विमान समझ लिया था. अब भारत के आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि एयर डिफेंस कमांड होने की वजह से भारत ऐसी गलती करने की वजह से बचेगा.

बता दें कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद संभालते ही बिपिन रावत ने सेना के सभी अंगों को निर्देश दिया था कि वे भारत के आसमान की सुरक्षा के लिए 30 जून तक एयर डिफेंस सिस्टम तैयारी का खाका पेश करें.

आर्मी चीफ ने कहा कि एयर डिफेंस कमांड सही दिशा में उठाया गया कदम है. इससे ये सुनिश्चित किया जा सकेगा कि ईरान जैसी घटनाएं न दोहराई जाएं. आर्मी डे की पूर्व संध्या पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे लगता है यदि हम सारी कोशिशें करें तो ऐसी गलती से बच सकेंगे.

बता दें कि 8 जनवरी को जब ईरान ने इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमला किया था तो ईरान की वायुसेना ने चौकसी बढ़ा दी थी. ईरान ने ये हमला जनरल कासिम सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए किया था. इसी दौरान तेहरान से यूक्रेन के एक विमान ने उड़ान भरी. हड़बड़ी में ईरान ने इसी विमान पर मिसाइल दाग दी. नतीजा ये हुआ कि इस विमान में सवार सभी 176 लोगों की मौत हो गई. बाद में ईरान ने इस गलती को स्वीकार किया.

साल 2019 में दुर्भाग्यवश भारत ने भी ऐसी ही गलती दोहराई थी. 26 फरवरी को भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला किया था. अगले ही दिन पाकिस्तान की वायुसेना ने भारत में घुसने की कोशिश की, इस दौरान भारत ने कश्मीर में वायुसेना के अपने ही एक हेलिकॉप्टर को गिरा दिया था. ये विमान एमआई-17 एयरक्राफ्ट था. इस हादसे में वायुसेना के 6 अधिकारियों की मौत हो गई थी. तत्कालीन एयर चीफ मार्शल ने इसे बड़ी गलती करार दिया था. अब लगभग एक साल बाद ईरान ने भी ऐसी ही गलती दोहराई है.

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत की पहली प्राथमिकता तीनों सेनाओं के लिए एक कंबाइंड एयर डिफेंस सिस्टम बनाना है. इससे सेना के तीनों अंगों का न सिर्फ संसाधन बचेगा, बल्कि तीनों के बीच काम करने के दौरान सिनर्जी भी पैदा होगी, इससे किसी भी गड़बड़ी से बचा जा सकेगा.

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