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2020 में निवेश करने जा रहे हैं तो इन 6 गलतियों से बचें - Jogi Express
May 17, 2024

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2020 में निवेश करने जा रहे हैं तो इन 6 गलतियों से बचें

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 नई दिल्ली 
नए साल (New Year 2020) का आगाज हो गया है। इस नए साल में भी हम में ज्यादातर लोगों ने अपने सपने को पूरा करने के लिए कोई न कोई संकल्प लिया होगा, लेकिन जब साल का अंत होने को आएगा तो कुछ ही के सपने पूरे होंगे और अधिकांश के अधूरे रह जाएंगे। आखिर, इसकी वजह क्या है? वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ लक्ष्य निर्धारित करने भर से तो सपने पूरे नहीं होते, उसके लिए जरूरत होती है एक मुकम्मल निवेश प्लानिंग  की। लेकिन, अक्सर लोग इसी में गलती कर बैठते हैं। साल 2020 में निवेश पर शानदार रिटर्न पाने के लिए आपको किन छह गलतियों से बचना चाहिए, आइए जानते हैं…

1. सबसे पहले वित्तीय लक्ष्य तय करें

इंसान का स्वभाव है कि वह निवेश की योजना को टालता जाता है। इस साल आलस छोड़े और सबसे पहले वित्तीय लक्ष्य तय करें। यानी आपको इस साल क्या पाना है उसके लिए कितने रकम की जरूरत होगी उसका एक ब्योरा बनाएं। यह बिल्कुल स्पष्ट और संक्षित्प होना जरूरी है। ऐसा करने से आप अपने आय और खर्चें के बाद वित्तीय लक्ष्य को पाने की दिशा में सही तरह से कदम बढ़ा पाएंगे। जब आप पहले से लक्ष्य कर लेंगे तो आपको पता होगा कि इसको पाने के लिए क्या करना और इसके लिए कौन-कौन सी चुनौती का सामना करना होगा। जल्द लक्ष्य तय करने का सबसे बड़ा फायदा होगा कि टालने की आदत पर विराम लग जाएगी।

2.जल्दबाजी में फैसले नहीं लें

वित्तीय लक्ष्य बनाने के बाद कभी भी निवेश उत्पाद चुनने में जल्दबाजी न करें। यह आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। कभी भी दोस्तों या वित्तीय सलाहकार की बातों पर आंख मूंद कर भरोसा कर निवेश नहीं करें। सबसे पहले अपनी जरूरत और जोखिम लेने की क्षमता को समझें। अगर आप अपने निवेश पर अधिक रिटर्न चाहते हैं और जोखिम लेने में सक्षम हैं तो शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड का रुख कर सकते हैं। हालांकि, शेयर बाजार में निवेश करने से पहले धैर्य रखना बहुत जरूरी होता है। ऐसा इसलिए कि शेयर बाजार में बड़ी गिरावट अनुभवी से अनुभवी निवेशकों के भी भरोसे को हिला देती है। बाजार की अस्थिरता में धैर्य को बनाकर रखना मुश्किल होता है। निवेशकों को लंबी अवधि को ध्यान में रखकर इक्विटी में निवेश करना चाहिए। कम से कम 5-7 साल की अवधि को ध्यान में रखकर इक्विटी में निवेश करें। कुछ महीनों तक गिरावट का दौर बना भी रहता है तो भी धबराना नहीं चाहिए।

3. टैक्स बचत की कोशिश जल्दी करें

वित्त वर्ष 2018-19 को खत्म होने में तीन महीने से कम का समय है। यानी आपके पास तीन महीने ही है आयकर से बचत के लिए। कई दफा हम निवेश तो करते हैं लेकिन वह कर बचाने के काम में नहीं आता है। अगर वह कर बचाने के काम में भी आता है तो उसपर रिटर्न बहुत ही कम मिलता है। इस चक्कर में हमारी आय का एक बड़ा भाग आयकर के रूप में चला जाता है। अगर, सही वित्तीय योजना बनाते हैं तो बड़ी रकम बचत कर सकते हैं। इसके लिए वैसे निवेश उत्पाद का चुनाव करना चाहिए, जो आपको अच्छे रिटर्न के साथ टैक्स छूट भी दें।

4. बीमा उत्पाद को निवेश नहीं समझें

आम लोगों में बीमा उत्पाद को निवेश के तौर पर लिया जाता है। यह बहुत बड़ी भूल है। बीमा को कभी भी निवेश के तौर पर नहीं लेना चाहिए। निवेश और बीमा दोनों ही उत्पाद बिल्कुल अलग-अलग हैं। इन दोनों की आपस में अदला-बदली नहीं की जा सकती है। निवेश पैसे को बढ़ाने और लक्ष्यों को पाने के लिए किया जाता है। वहीं, बीमा किसी अनहोनी में सुरक्षा देने के काम करता है। अगर आप जीवन बीमा निवेश के लिए खरीद रहे हैं तो आप बड़ी गलती कर रहे हैं। महंगाई के मुकाबले बीमा पर मिलने वाला रिटर्न बहुत ही कम होता है। वही, आप सही निवेश उत्पाद का चयन कर शानदार रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।

5. आपातकालीन फंड जरूर बनाएं

अगर आप नौकरीपेशा से जुड़े हैं और अभी तक आपातकालीन फंड नहीं बनाएं हैं तो अब देर मत कीजिए। वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि आपके पास आपातकालीन फंड के रूप में तीन से छह महीने का खर्च उठाने की रकम होनी चाहिए। आप पर कोई कर्ज या देनदारी है तो इसका ख्याल भी रखना होगा। इसी से यह निर्धारित होगा कि आखिर आपका आपातकालीन फंड कितनी राशि का होना चाहिए। आपको आपातकालीन फंड की शुरुआत अपने बचत खाते से करनी चाहिए। जैसे-जैसे आपकी बचत बढ़ती जाएगी, आप ऐसे खाते की तलाश करेंगे जहां आपको इस पर अच्छा ब्याज भी मिले। ऐसे में दूसरा विकल्प हो सकता है कि आप रैकरिंग डिपॉजिट और लिक्विड फंड  में निवेश करें।

6. फिजूलखर्ची को रोके

आय और खर्च के बाद बचा हुआ पैसा ही निवेश होता है। आप निवेश तब तक नहीं कर पाएंगे जब तक बचत नहीं करेंगे। आखिर यह बचत होगा कैसे तो इसके लिए आपको फिजूलखर्ची पर लगाम लगानी होगी। फिजूलखर्ची से निपटने में एक चीज बहुत कारगर तरीके से काम करती है। वह है बजट बनाना। बजट को विस्तृत ढंग से लिखित रूप में बनाना चाहिए। इससे आप फिजूखर्च को आसानी से पता कर पाएंगे। फिर आप उस पैसे को बचाकर निवेश कर पाएंगे।

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