नए साल पर ‘जम’ सकती है दिल्ली, तीन दिन और रहेगी कड़ाके की ठंड

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नई दिल्ली 

दिसंबर में सर्दी नए नए रिकॉर्ड बना रही है. पहाड़ों पर तापमान माइनस 20 से माइनस 30 डिग्री तक लुढ़क चुका है. उत्तराखंड, कश्मीर और हिमाचल में भीषण बर्फबारी हो रही है तो दिल्ली समेत मैदानी इलाकों में शीतलहर जारी है. सवाल है कि दिल्ली में कहीं नया साल आपका स्वागत जीरो डिग्री से तो नहीं करेगा?  

शुक्रवार की सुबह दिल्ली में पारा 4.2 डिग्री तक गिर गया जो मौजूदा सीजन का सबसे कम तापमान है. शनिवार को न्यूनतम तापमान और लुढ़क सकता है. ये 3 डिग्री तक नीचे जा सकता है. बहुत मुमकिन है कि 2019 का दिसंबर पिछले 118 सालों में सबसे ज्यादा ठंडा दिसंबर बन जाए.
 
दिसंबर में इस साल औसत अधिकतम तापमान अब तक 19.85 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. 31 दिसंबर तक इसके 19.15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की पूरी संभावना है. अगर ऐसा होता है तो 1901 के बाद ये दूसरा सबसे सर्द दिसंबर होगा. दिसंबर 1997 में इससे कम औसत अधिकतम तापमान 17.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. जबकि 1919 में 19.8, 1929 में भी 19.8, 1961 में 20 डिग्री औसत अधिकतम तापमान दर्ज हुआ है.
 
2019 से पहले 1997 में ऐसा हुआ था जब लगातार 17 दिन कड़ाके की सर्दी पड़ी थी. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ यानी वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से दिल्ली में दिसंबर के महीने में जानलेवा ठंड पड़ रही है. दो पश्चिमी विक्षोभ में 10 दिनों का फासला होने की वजह से तापमान में अचानक और इतनी गिरावट आई है. 31 दिसंबर को फिर से एक और पश्चिमी विक्षोभ दिल्ली पहुंचेगा जिससे दिल्ली में शीतलहर बढ़ेगी.

दिल्ली वाले अबतक सर्दी से सिकुड़े सहमे हैं लेकिन अगले सप्ताह उन्हें सर्द हवाओं के साथ-साथ बारिश की बूंदों से भी दो-चार होना पड़ सकता है. संभावना है कि 31 दिसंबर की रात से 2 जनवरी तक दिल्ली एनसीआर में बूंदा-बांदी का दौर चलेगा यानी बर्फीली, बारिश और चुभने वाली हवा से लोगों का सामना होगा.

दिल्ली में मौजूद सभी रैन बसेरों में रात के वक्त ठंड से कांपते ठिठुरते परेशान लोगों की भीड़ है. जान बचाने की जद्दोजहद और सर्दी से जंग की चुनौती. मौसम वैज्ञानिकों के जवाब और कुदरत के मिजाज के बाद सवाल यही उठता है कि क्या दिल्ली में पारा शून्य को छूने जा रहा है. इससे पहले 27 दिसंबर 1930 में दिल्ली का न्यूनतम तापमान शून्य डिग्री दर्ज हुआ था. क्या 89 साल पुराना वो रिकॉर्ड भी अबकी बार टूटने वाला है.

राजस्थान के इकलौते हिल स्टेशन माउंट आबू में पारा माइनस 1 डिग्री का मुकाम छू चुका है. गड्ढों में भरा पानी जमने लगा है. घास के मैदानों और कार की छतों का पानी ठोस हो गया है. वहीं, फतेहपुर शेखावटी में पारा माइनस 3 डिग्री और चूरू में शून्य पर  पहुंच चुका है.

मैदानी इलाकों में सिर्फ राजस्थान ही नहीं पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में भी शीत लहर का कहर है. हरियाणा के हिसार में शून्य डिग्री तो अमृतसर में 5 डिग्री का टॉर्चर है. यूपी के लखनऊ, प्रयागराज और चंदौली में भी कोहरे और गिरते पारे का सितम है. लुधियाना में 5.6 डिग्री, प्रयागराज में 6 डिग्री, लखनऊ में 7 डिग्री और चंदौली में 6 डिग्री तक जा चुका है.

पटना में भी बर्फीली हवाओं ने अधिकतम तापमान को 16 डिग्री से कम पर रोक दिया. अगले एक सप्ताह तक दिन में पारा 15-16 डिग्री के आसपास ही बना रहेगा.

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