October 18, 2024

ऐसे ही ‘शेफ’ नहीं बन गए सैफ, काटने पड़े थे हजारों प्याज

0

 

सैफ अली खान फिल्म में ‘शेफ’ की भूमिका निभा रहे हैं। अपनी फेवरिट डिश पास्ता बनाने में भी सैफ पांच घंटे लगा दिया करते थे, लेकिन इस फिल्म ने उन्हें बेहतर कुक बना दिया है। यह खुलासा किया, फिल्म के निर्देशक राजा कृष्णा मेनन ने। राजा ने  बातचीत के दौरान बताया कि फिल्म में शेफ का रोल निभाने के लिए सैफ ने बाकायदा ट्रेनिंग ली और खूब प्याज काटे। बकौल राजा, ‘सैफ ट्रेनिंग के बाद अच्छा कुक हो गया है। ट्रेनिंग के दौरान उसने खूब प्याज काटे। मेरे हिसाब से पांच हजार से कम प्याज तो नहीं काटे होंगे। हाल ही उन्होंने मुझे खाने पर भी बुलाया, जहां खुद अपनी फेवरिट डिश पास्ता बनाकर मुझे खिलाया। अच्छी बात यह है कि अब वह कम टाइम में पास्ता बना लेते हैं।’ अच्छा कुक न होते हुए भी सैफ को इस रोल में कास्ट करने के बाबत राजा कहते हैं, ‘फिल्म में रोशन कालरा को जो किरदार है, वह शेफ के अलावा एक पिता है, एक ऐसा व्यक्ति है जो चांदनी चौक से उठकर न्यू यॉर्क में रेस्ट्रॉन्ट खोलता है, फिर भी अंदर से खोखला है। सैफ एक स्टार हैं, जिसकी अपनी एक अप्रोच भी है। उनमें वह सादगी है, जो एक पिता में होनी चाहिए। उसका एक स्टारडम है, जो एक सक्सेसफुल आदमी में चाहिए और अतिसंवेदनशीलता है जो अकेले पड़ गए इंसान में झलकती है। इन तीनों वजहों से सैफ हमारी चॉइस थे। बाकी कुकिंग तो हमने उन्हें सिखा ही दी।’ बता दें कि शेफ इसी शीर्षक से बनी मशहूर हॉलिवुड फिल्म की रीमेक है। राजा बताते हैं कि भारतीय परिदृश्य में इसे बनाते वक्त उन्होंने दो चीजों पर खास ध्यान दिया है, एक यह कि आज लोग सक्सेस, पैसे के पीछे चूहे की दौड़ में लगे हुए हैं। वे कामयाब हो भी रहे हैं, फिर भी खुश नहीं हैं। दूसरे, एक तलाकशुदा जोड़े का रिलेशनशिप, पहले शादियां टूटती थी तो पति-पत्नी दोबारा एक दूसरे से बात तक नहीं करते थे। आज ऐसा नहीं है, आज मॉडर्न आदमी और औरत की जो सोच है कि हम खुश नहीं हैं तो साथ रहने का क्या मतलब? ये दोनों बातें फिल्म में प्रमुखता से उठाई गई हैं।

साभार :नवभारत टाइम्स

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *